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15 हजार लोगों ने थामा अब तक भाजपा का दामन,कई पूर्व विधायक समेत 2022 में चुनाव लड़े दो दर्जन से ज्यादा नेता हो चुके है भाजपा में शामिल,जल्द कुछ और पूर्व विधायक होंगे कमल के साथ

देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उत्तराखंड में कांग्रेस,आम आदमी पार्टी और यूकेडी से आए नेताओं को शामिल करने का सिलसिला जारी है,पार्टी की माने तो अब तक 15000 नेताओं के द्वारा उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी का दामन दूसरे दलों को छोड़कर अपनाया है। हजारों लोगों ने जहां बीजेपी ज्वाइन की है,लेकिन इस बीच बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट प्लान भी देखने को मिला है जिसके तहत कई बड़े नेताओं को इस दौरान भाजपा ने पार्टी में शामिल भी कराया है,बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी जहां अपनी विधायकी की छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सजवान पूर्व मंत्री और टिहरी से विधायक रहे दिनेश धनै, पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी, पूर्व विधायक मालचंद,महावीर रागन्ड शैलेंद्र रावत भी भाजपा में शामिल हो गए, यही नहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत करने वाले या कांग्रेस के चुनाव चिन्ह या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले दो दर्जन से ज्यादा नेताओं को भी भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पार्टी में शामिल कर दिया गया,और यह सिलसिला अभी लोकसभा चुनाव तक जारी रखें जाने की बात भारतीय जनता पार्टी कर रही है। दरअसल पार्टी ने प्रदेश में हर लोकसभा सीट पर जीत का अंतर 5 लाख से अधिक मतों का रखा है,जिसके तहत जो भी नेता दूसरे दलों में जन आधार अच्छा रखते हैं और वह भाजपा में शामिल होकर अपने वोट बैंक को भाजपा की तरफ मोड़ सकते हैं उन्हें भारतीय जनता पार्टी अपने पाले में शामिल कर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने के साथ बड़े वोट बैंक पर भी सेंधमारी का प्लान बन चुकी है। इसी के तहत बीजेपी दूसरे दल के नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है,बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का कहना है कि एक-दो दिन में कुछ और पूर्व विधायक भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं।

 

 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा उस मिशन में फतह हासिल करती हुई नजर आ रही है जिसके तहत विपक्षी दलों के हौसले पस्त किए जाएं,और लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले दूसरे दल से आए नेताओं के सहारे भी भाजपा उत्तराखंड में ज्यादा वोट हासिल कर सके, भाजपा विधायक खजान दास का कहना है कि जो भी नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं वह जनता के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं और पार्टी के द्वारा जो 5 लाख से ज्यादा जीत का अंतर रखा गया है, उस लक्ष्य को हासिल करने में यह नेता अहम भूमिका अदा करेंगे।

 लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जहां दूसरे राजनीतिक दलों में बड़ी सेंधमारी की गई है, वहीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह जरूर फायदे का सौदा हो सकता है, लेकिन चर्चा इस बात की है कि क्या जब 2027 का विधानसभा चुनाव उत्तराखंड में आएगा तो जो नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं, यदि अगर वह टिकट की आस के साथ भाजपा में आए और अगर पार्टी में उन्हें टिकट नहीं देती है तो क्या फिर वह भाजपा के साथ बने रहेंगे या दूसरे दलों की ओर रुक करेंगे।

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