धामी कैबिनेट के फैसले का शिक्षक संगठन ने जताया विरोध,गेस्ट टीचरों के हित मे लिए गए फैसले से शिक्षक को लग गयी मिर्ची

देहरादून । उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जहां बेरोजगार युवाओं के हित मे बड़े फैसले लिए हैं। वही गेस्ट टीचरों के हित को लेकर भी बड़े फैसले धामी कैबिनेट की पहली बैठक में लिए गए है,जिनमें गेस्ट टीचरों के मानदेय वृद्धि के साथ गेस्ट टीचरों को गृह जनपद में नियुक्ति दिए जाने का फैसला भी लिया गया है। वहीं एक फैसला ऐसा है जिससे उत्तराखंड के शिक्षकों में रोष देखने को मिल रहा है। धामी कैबिनेट ने गेस्ट टीचरों के पदों को रिक्त न मानने का भी निर्णय लिया है,जिससे माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट के इस फैसले से गेस्ट टीचरों का भविष्य सुरक्षित हो गया है,क्योंकि अभी तक गेस्ट टीचरों का पद रिक्त नहीं माना जाता था जिस वजह से प्रमोशन पाई स्थाई शिक्षकों को गेस्ट टीचरों की जगह नियुक्ति दी जाती थी। जिससे गेस्ट टीचरों की नौकरी पर संकट रहता था। लेकिन गेस्ट टीचरों के भविष्य सुरक्षित होने से राजकीय शिक्षक संगठन को बड़ा दुख पहुंचा है जिसको लेकर राजकीय शिक्षक संगठन ने साफ कर दिया है कि जो फैसला गेस्ट टीचरों की पद को रिक्त न मानने को देख कर लिया गया है उसका वह पूरी तरीके से विरोध करते हैं और सरकार से वार्ता का गेस्ट टीचरों के पद रिक्त माने जाने की मांग करेंगे। राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी का कहना है कि गेस्ट टीचरों के मानदेय वृद्धि और गृह जनपद में नियुक्ति दिए जाने के फैसले का वह स्वागत करते हैं,लेकिन गेस्ट टीचरों के पद रिक्त न मानने का वह विरोध करते हैं, कोर्ट का भी आदेश इसको लेकर आया है कि गेस्ट टीचरों के पदों को रक्त माना जाया।

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