EXCLUSIVE: मानसून सत्र में शिक्षा मंत्री को नहीं होगी कोई परेशानी,विधायकों भूले शिक्षा विभाग के सवाल लगाना,क्या पटरी पर लौट आयी है सूबे की शिक्षा व्यवस्था ?
देहरादून। 23 अगस्त से उत्तराखंड विधान सभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। जिसमें विपक्ष ने जहां सरकार को घेरने के लिए कई मद्दों पर रणनीति तैयार कर ली है। वहीं सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के कई विधायकों के द्धारा अब तक 784 सवाल भी मंत्रियों के विभागों से संबधित लगाए गए है। जिसके तहत मंत्रियों की अग्नि परीक्षा भी विधायक विधान सभा सत्र के दौरान लेंगे। हर सत्र में देखा जाता है कि अपने विभागों से सम्बधित सवालों का जवाब मंत्री सही से नहीं दे पाते है। इसलिए मंत्रियों पर भी खास नजर सबकी रहती है कि मंत्री किस तैयारी के साथ अपने विभागों से संबधित सवालों को जवाब सदन में देते है। लेकिन बात अगर शिक्षा विभाग की करें तो हर बार का विधान सभा सत्र शिक्षा मंत्री के लिए सर्द दर्द से कम नहीं होता है। क्योंकि शिक्षा विभाग की समस्याएं किसी से छुपी नहीं है। लगभग कर विधायक शिक्षा मंत्री से सीधे सवाल पूछता है। लेकिन इस बार के मानसून सत्र में लगात है कि स्कूलों में समस्याएं अब विधायकों के क्षेत्रों में बची नहीं है,या यूं कहें कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में सब कुछ ठीक हो गया है,इसलिए विधायाकों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की कोई समस्या नजर नहीं आती है। इसलिए उत्तराखंड के विधायक अब शिक्षा विभाग के सवालों को लगाना भी भूल गए है। अब तक विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान 784 सवाल लग चुके है। लेकिन शिक्षा विभाग से मात्र एक ही तारांकित सवाल अभी लगा है। वह भी भाजपा विधायक सुरेश राठौर के द्धारा लगाया गया है। जिससे सवाल विपक्ष के विधायकों पर भी खड़े होते है कि क्या शिक्षा विभाग में कोई मुद्दा उन्हे नजर नहीं आत है। वह भी तक जब 2022 के विधान सभा चुनाव में शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा होने वाला है। क्योंकि आम आदमी पार्टी की एंट्री से तय है कि केजरीवाल की पार्टी शिक्षा को प्रमुख मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने जा रही है। खैर कुछ भी हो विधयकों को भले ही शिक्षा विभाग में कोई समस्या न दिखती हो लेकिन शिक्षा मंत्री के लिए यह राहत की बात है कि इस बार उन्हे सदन में ज्यादा तैयारी की जरूरत नहीं है। क्योंकि शिक्षा विभाग से संबधित सवाल अभी तक एक ही लगा हुआ है।