छात्रों की आपसी लड़ाई में एक छात्र की मौत,शिक्षा विभाग ने आदेश किया जारी,सभी स्कूलों में नोडल शिक्षक को जिम्मेदारी देने के निर्देश
देहरादून। छात्रों के बीच आपसी झगड़े में 11 के छात्र के निधन के बाद शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है,जिसमे विधालय में अनुशासन समिति का गठन करने के निर्देश स्कूलों को दिए गए है। साथ ही व्यायाम शिक्षक को नोडल शिक्षक नियुक्त करने के भी निर्देश दिए गए है। गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक माद्यमिक महावीर बिष्ट की तरफ से आदेश जारी किया गया है,जिसमे उन्होंने 11 की छात्रा के मौत पर की गई जांच का भी उल्लेख किया गया है,कुछ निर्देश उन्होंने दिए है,जो इस प्रकार है।
प्रेषक मण्डलीय अपर निदेशक
माध्यमिक शिक्षा गढवाल मण्डल, पौडी।
सेवा में
समस्त प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक
राजकीय/सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त इण्टर कालेज/हाईस्कूल गढ़वाल मण्डल पौड़ी।
पत्रांक अशामा0–06/112.00-31/2021-22 दिनांक 23 अगस्त, 2021
विषयः विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के मध्य मार-पीट एवं अनुशासनहीनता की घटनाओं की संवेदनशीलता के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपर्युक्त विषयक आपको अवगत कराना है कि दिनांक 17
अगस्त, 2021 को राजकीय इण्टर कालेज कीर्तिनगर जनपद-टिहरी गढ़वाल के विद्यालय प्रांगण के अन्दर अवकाश के समय कक्षा 12 एंव कक्षा 11 के दो छात्रों के मध्य आपसी वाद-विवाद होने के कारण मारपीट होने से कक्षा 11 के एक छात्र की घटना के दो दिन बाद निधन हो गया। उक्त घटना से मृतक के परिवार सहित गांव वालों में भारी रोष उत्पन्न हुआ। जिस कारण घटना की मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश किये गये है। खण्ड शिक्षा अधिकारी कीर्तिनगर एंव मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल के द्वारा मण्डलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मण्डल को उपलब्ध करायी गयी आख्या के अनुसार प्रथम दृष्टयता यह प्रतीत होता है कि प्रधानाचार्य, व्यायाम शिक्षक एंव अन्य शिक्षकों के द्वारा छात्रों के मध्य मारपिटाई एंव विवाद के प्रति पूर्ण उदासीनता व लापरवाही दिखा कर अपनी संवेदनहीनता का परिचय दिया गया है। क्योंकि छात्रों के मध्य मारपीट व विवाद विद्यालय प्रांगण में होना बतलाया जा रहा है। यदि प्रधानाचार्य, व्यायाम शिक्षक एंव अन्य शिक्षक सक्रिय एंव संवेदनशील होते तो सम्भवतया यह घटना रोकी जा सकती थी जिससे एक मासूम छात्र का जीवन बच सकता था। आप सभी भली-भांति विज्ञ है कि राजकीय/सहायता प्राप्त विद्यालयों में निरन्तर छात्र संख्या घट रही है तथा अभिभावकों का सरकारी विद्यालयों के प्रति मोह भी कम हो रहा है। जबकि सरकार व विभाग विद्यालयों की स्थिति सुधारने में निरन्तर प्रयत्नशील है। किन्तु ऐसी घटना विद्यालय में घटित होने से विभाग एंव सरकार के प्रयासों में व्यवधान होना स्वाभाविक है। अतः गढ़वाल मण्डल के सभी राजकीय/सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त इण्टरमीडिएट कालेज/हाईस्कूल के प्रधानाचार्यों एवं प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया जाता है कि वे विद्यालय में अनुशासन समिति का अनिवार्य रूप से गठन कर विद्यालय के परिसर में होने वाली हर घटना पर निरन्तर नजर , तथा समय-समय पर प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षक छात्र-छात्राओं की कॉउसिलिग भी करते रहे। इस हेतु विद्यालय के व्यायाम शिक्षक को नोडल शिक्षक नामित कर वह यह जानने का भी प्रयास करते रहे कि छात्र-छात्राओं का विद्यालय में कोई गुट तो नहीं बने हुये है अथवा क्या छात्र-छात्राओं के मध्य किसी प्रकार का विवाद या मनमुटाव है। यदि ऐसा हो तो अनुशासन समिति में इस पर विचार कर सम्बन्धित छात्र-छात्राओं की तत्काल काउंसलिंग की जा सकती है। तथा उनके अभिभावकों से भी सम्पर्क स्थापित किया जाना चाहिए ताकि ऐसी किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके। शिक्षकों को यह भी निर्देशित किया जाता है कि प्रयोगात्मक वादनों में छात्र-छात्राओं को प्रयोगशाला में शिक्षक की अनुपस्थिति में प्रवेश न कराया जाय। क्योंकि यह भी संज्ञान में आया है कि छात्र-छात्राए प्रयोगशालाओं के उपकरण का भी आपसी लड़ाई-झगड़े में प्रयोग कर वह एक दूसरे को हानि पंहुचा सकते है। अन्यथा विद्यालय में होने वाले किसी भी घटना के लिए प्रधानाचार्य सहित सम्पूर्ण शिक्षक एंव कर्मचारी जिम्मेदार समझे जायेगें। अतः विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण एवं अनुशासन बनाने का सार्थक प्रयास किये जाय।