उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड VIDEO : शहीद V.S ढौंडियाल की पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने किया शौर्य चक्र ग्रहण

देहरादून के शहीद मेजर वीएस ढौंडियाल को आज शौर्य चक्र अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद की मां और उनकी लेफ्टिनेंट पत्नी निकिता कौल को पुरुस्कार देकर सम्मानित किया। शहीद की पत्नी आर्मी अफसर की वर्दी में पति का अवॉर्ड लेने आईं।

शहीद की पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने किया राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण

मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को एक ऑपरेशन में उनकी भूमिका के लिए शौर्य चक्र (मरणोपरांत) दिया गया। इस ऑपरेशन में उन्होंने 5 आतंकवादियों को मार गिराया था। इस ऑपरेशन में 200 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया। आपको बता दें कि शहीद मेजर की पत्नी निकिता कौल सेना में अफसर बन गई हैं और पति की राह पर चल पड़ी हैं। हाल ही में उन्हे पीओपी के बाद उनकी वर्दी में स्टार सजाए गए।

शादी के 10 महीने बाद हो गए थे शहीद

वहीं बता दें कि शहीद मेजर वीएस ढौंडियाल शादी के 10 महीने बाद शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी ने आई लव यू विभू कहकर और पति की शहादत को सलाम कर उन्हें अंतिम विदाई दी। उसी दिन आसमान भी रोया।लेकिन आज वो लेफ्टिनेंट बन गई हैं और जिंदगी में आगे बढ़ी हैं। उन्हें पति का सपना जो पूरा करना है। आपको बता दें कि शहीद मेजर विभूति मूल रुप से पौड़ी गढ़वाल के हैं और उनका घर देहरादून के नेशविला रोड में है।

18 फरवरी 2019 को हुए थे शहीद

जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान ए++ श्रेणी के आतंकवादी को मारने के लिए नायब सूबेदार सोमबीर को मरणोपरांत शौर्य चक्र दिया गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से उनकी पत्नी और मां ने पुरस्कार ग्रहण किया।आपको बता दें कि पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। 18 फरवरी 2019 को पुलवामा के पिंगलिना गांव में आतंकियों से हुए एनकाउंटर में मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। मेजर विभूति देहरादून के रहने वाले थे। उनकी शादी को तब सिर्फ 10 महीने हुए थे। 19 अप्रैल 2018 को निकिता कौल के साथ उन्होंने सात फेरे लिए थे।

आई लव यू विभू-निकिता कौल

पति को अंतिम विदाई देते वक्त निकिता ने कहा था कि आपके जैसा पति मुझे मिला, मैं बहुत सम्मानित हूं। मैं हमेशा तुमको प्यार करती रहूंगी विभू। तुम हमेशा जिंदा रहोगे। आई लव यू विभू।’ मेजर विभूति न सिर्फ निकिता के पति बल्कि उनके बेस्ट फ्रेंड भी थे।
 
तीन बहनों के इकलौते भाई थे विभूति
34 साल के मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनाथ थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में शामिल होने का जुनून था। वह दो बार फेल भी हुए लेकिन फिर आखिरकार उन्हें सफलता मिली।

तीसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य वीरता पुरस्कार है। यह युद्ध के मैदान में अदम्य साहस दिखाने पर दिया जाता है। यह तीसरा बड़ा  भारतीय सैन्य पुरस्कार है। परम वीर चक्र और महा वीर चक्र के बाद यह आता है। पहला वीर चक्र 1947 में दिया गया था। अभिनंदन के अलावा अब तक 361 वीर चक्र प्रदान किए चुके हैं। वहीं शौर्य च्रक शांति के समय वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है। वरियता में यह कीर्ति चक्र के बाद आता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!