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उत्तराखंड : 3 माह की फीस माफ करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर,सरकार ने कहा कोर्ट के फैसले को करेंगे लागू

देहरादून । कोरोना वायरस महामारी के चलते लोक डाउन की वजह से जहां उत्तराखंड में भी काफी आर्थिक नुकसान हुआ है,और आर्थिक नुकसान का आंकलन के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में आर्थिक नुकसान का जायजा जानने के लिए कैबिनेट की उप समिति बनाई है,आर्थिक नुकासन के साथ आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के उपायों को लेकर भी समिति सुझाव एकत्रित करेगी । वही उत्तराखंड के मध्यमवर्गीय परिवारों के सामने भी आर्थिक संकट गहरा गया है,ऐसे में सवाल यह है कि मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों की फीस कैसे प्राइवेट स्कूलों में जमा करेंगे,जब उनके पास आर्थिकी का कोई साधन लॉक डाउन की वजह से नहीं है । इसी को देखते हुए नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट के अध्यक्ष आरिफ खान के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राइवेट स्कूलों में 3 महीने की फीस जमा न करने की जनहित याचिका दायर की गई है । जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है । आरिफ खान का कहना है ऑनलाइन उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है । कोर्ट में इस बात को प्रमुखता से रखा जाएगा की जो प्रदेश में सरकारी कर्मचारी हैं वह तो अपने बच्चों की फीस जमा कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें वेतन मिल रहा है, लेकिन जिन अभिभावकों के सामने आर्थिक संकट है और उनके पास फीस जमा करने के लिए पैंसे नही है उनके बच्चों की फीस माफ कराई की जाए ताकि आम जनता को इससे राहत मिल सके।

कोर्ट के फैसले को करेंगे लागू

वहीं प्राइवेट स्कूलों में 3 महीने की फीस माफी को लेकर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि सरकार ने पहले ही अभिभावकों को राहत देते हुए कई कदम अपने स्तर से उठाएं । जंहा तक फीस माफी का मामला कोर्ट के समक्ष पहुंचा है तो जो भी दिशानिर्देश कोर्ट देगा उनका अनुपालन किया जाएगा ।

कोर्ट के फैसले पर नजर

प्राइवेट स्कूलों में 3 माह की फीस माफ किए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर हो गई है। ऐसे में कोर्ट कब से मामले पर सुनवाई करेगा और क्या कुछ फैसला इस पर सुनाएगा पर भी सभी की नजरें लग गई है। ऐसे में देखना ही होगा आखिरकार क्या कुछ फैसला कोर्ट इस मामले पर सुनाता है

 

 

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