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किस्मत के मारे हैं देवप्रयाग के गणेश,केजरीवाल की पार्टी ने झाडू चुनाव चिन्ह की जगह पकड़ा दिया झुनझुना

देहरादून। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव को लेकर आज 9 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है,इनमें से देवप्रयाग विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उत्तम भंडारी को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उत्तम भंडारी के उम्मीदवार बनाए जाने से गणेश भट्ट के समर्थकों में खासी नाराजगी आम आदमी पार्टी के प्रति है । आपको बता दें कि गणेश भट्ट पिछले 2 सालों से आम आदमी पार्टी का झंडा बुलंद करने का काम कर रहे थे । लेकिन पार्टी ने 2 महीने पहले आए भाजपा से आए उत्तम भंडारी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है,जिससे गणेश भट्ट के समर्थकों में खासी नाराजगी है। बताया जा रहा है कि कर्नल अजय कोठियाल जो कि आप के मुख्यमंत्री का चेहरा उनके नजदीकी होने का फायदा उत्तम भंडारी को मिला है,और इसी आधार पर देवप्रयाग विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी ने उत्तम भंडारी को प्रत्याशी बनाया है।

कोरोना काल मे गणेश भट्ट बने कई लोगों के मददगार

गणेश भट्ट का नाम देवप्रयाग विधानसभा के अंदर एक समाज सेवी के नाम पर भी जाना जाता है जिस तरीके से कोरोना काल में उन्होंने काम किया है उनके काम की सराहना हर कोई करता है। लॉकडाउन के समय अपने वाहन से उन्होंने जहां जरूरतमंद लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया वही खुद के सहयोग से कई लोगों की मदद भी उन्होंने इस दौरान की जिससे गणेश भट्ट पूरे प्रदेश में सुर्खियों में आ गए। यही नहीं उत्तराखंड क्रांति दल में रहते हुए भी गणेश भट्ट ने एक युवा नेता के रूप में पहचान बनाई लेकिन देवप्रयाग विधानसभा सीट पर उन्होंने ही सबसे पहले आम आदमी पार्टी का झंडा उठाया और घर-घर जाकर आम आदमी पार्टी की आवाज बुलंद की गणेश भट्ट बताते हैं कि 25000 लोगों से वह सीधे रूप से जुड़े हैं जिन्हें उन्होंने आम आदमी पार्टी से जुड़ा है। उनका समर्थन जरूर उत्तम भंडारी के साथ है लेकिन उनके समर्थकों में जरूर नाराजगी है। जल्द ही वह अपने समर्थकों के साथ बैठक करने वाले हैं और उनकी राय सुनने वाले हैं हालांकि पार्टी ने उनके साथ न्याय करने की बात भी कही है।

किस्मत के मारे है गणेश

बताया जाता है कि गणेश भट्ट जिस भी पार्टी का झंडा उठाते हैं वह पूरी शिद्दत के साथ काम भी उस पार्टी के लिए करते हैं। देवप्रयाग विधानसभा सीट पर जब दिवाकर भट्ट ने यूकेडी का साथ छोड़ बीजेपी में जाने का फैसला किया था,तब देवप्रयाग विधानसभा में गणेश भट्ट ने यूकेडी की आवाज को बुलंद करने का काम किया था, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में यूकेडी के पैराशूट प्रत्याशी राजू मौर्य ने गणेश भट्ट का टिकट कटवा दिया और उसके बाद गणेश भट्ट निर्दलीय चुनाव लड़े। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले यूकेडी की ओर से देवप्रयाग विधानसभा सीट पर गणेश भट्ट ने पार्टी के लिए काम किया । लेकिन अंतिम समय में उनका टिकट पार्टी ने काट दिया ठीक उसी तरीके से 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी आम आदमी पार्टी के लिए गणेश भट्ट ने आम आदमी पार्टी के लिए जो पसीना बहाया वह उनके कामनाएं इसलिए कहा जा रहा है कि गणेश भट्ट किस्मत के मारे हैं जिनको उनकी मेहनत का फल पार्टियों में नहीं मिलता है। पार्टी के लिए मेहनत व करते हैं और मलाई खाने यानी कि टिकट मिलने के समय कोई और उनके स्थान पर आ जाता है। हालांकि अब देखना यही होगा कि आखिरकार गणेश भट्ट का अगला कदम क्या होगा क्या आम आदमी पार्टी से बगावत कर गणेश भट्ट निर्दलीय मैदान में उतरेंगे।

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