कांग्रेस में शामिल होने से पहले हरक ने मांगी सार्वजनिक माफी,कांग्रेस नेताओं उत्तराखंड की जनता से मांगी माफी,पढ़िए हरक सिंह का पूरा माफीनामा
देहरादून। पिछले कई दिनों से उत्तराखंड की सियासत का केंद्र बिंदु बने हरक सिंह रावत के कांग्रेस में वापसी हो गई है। दिल्ली में हरक सिंह रावत ने अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के साथ कांग्रेस का दामन थामा है। कांग्रेस का दामन थामने के साथ ही हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं और उत्तराखंड की जनता से माफी भी मांगी है। यह माफी हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कहने पर ही मांगी है । क्योंकि 2016 में हरीश रावत सरकार को आस्थिर करने वाले बागी नेताओं को लेकर हरीश रावत एक ही बात कहते थे कि जब तक बागी नेता सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मानते तब तक उनकी कांग्रेस मेंएंट्री नहीं हो पाएगी । लेकिन अब जाकर हरक सिंह रावत के द्वारा सार्वजनिक माफी मांगे जाने पर उनको कांग्रेस में शामिल किया गया क्या कुछ हरक सिंह रावत ने अपने माफीनामा में बातें लिखी हैं आप विस्तार से पढ़ सकते हैं।
भाजपा नेताओं ने 2014 लोकसभा चुनावों में जनता से बहुत बड़े-2 वायदे कर “अच्छे दिनों” के सपने दिखाए। जनता से भाजपा ने वायदे किए थे कि महंगाई कम होगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा, विदेशों
से काला धन लाकर हर व्यक्ति को 15-15 लाख देंगे आदि-शहमें व उत्तराखण्ड की महान जनता कोभरोसा दिलाया कि डबल इंजन की सरकार बनने पर ये तमाम किए गए वायदों के साथ “पहाड़ों की
जवानी व पहाड़ों का पानी” बर्बाद न होने देने का वायदा भी इन वायदों की इस सूची में जोड़ दिया। इन वायदों से मुझे उम्मीद जगी कि उत्तराखण्ड में पलायन की समस्या, बेरोजगारी व शिक्षा- स्वास्थ्य
सुविधाओं की कमी भी दूर करने में केंद्र सरकार से विशेष सहायता मिलेगी। भाजपा नेताओं ने 2016 में भी मुझे भरोसा दिलाया कि उत्तराखण्ड में भाजपा सरकार बनने पर तमाम समस्याओं को सुलझाने में
केंद्र सरकार से विशेष सहायता मिलेगी। यही वायदे दोबारा 2017 के विधानसभा चुनावों में भी दोहराए गए। 2017 चुनावों में भाजपा सरकार बनने पर मैं इन वायदों को पूरा करने के लिए भाजपा के शीर्ष
नेताओं से बार-२ आग्रह करता रहा जिसे हर बार यह कहकर टालते रहे कि विचार-विमर्श चल रहा है।सरकार का कार्यकाल समाप्त होने पर भी ये तमाम वायदे पूरे नहीं हुए और ये वायदे सिर्फ “जुम्ले”साबित हुए। भाजपा के मुख्यमंत्री बदलने से उम्मीद जगती थी जो कुछ समय में धूमिल हो जाती गई। सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के समय भी मैंने बार-२ भाजपा नेताओं को आगाह किया कि चुनावीवायदों को पूरा करो लेकिन जब कोई सकरात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो अंततः मैंने भाजपा को छोड़ने काफैसला ले लिया। आज मैं जब पूर्व की घटनाओं का अवलोकन कर रहा हूँ और भाजपा व पूर्व कांग्रेस सरकार का तुलनात्मक अध्ययन कर रहा हूँ तो इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उत्तराखण्ड की समस्याओं को सुलझाने व उत्तराखण्ड के चहुंमुखी विकास में कांग्रेस की सरकारों का बेहतरीन योगदान रहा है। पूर्व की इन घटनाओं के अवलोकन से ऐसा महशूस होता है कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला मेरे राजनैतिक
जीवन की सबसे बड़ी भूल थी जिसके लिए मैं कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं व नेताओं तथा उत्तराखण्ड की महान जनता से क्षमायाचना करता हूँ। उत्तराखण्ड के विकास में श्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली
सरकार के आगे भाजपा सरकार दूर-२ तक भी कहीं मुकाबला नहीं कर पाई। जनता से झूठे वायदे कर ठगने वाली व लोकतंत्र को अपमानित करने वाली भाजपा ने आगामी चुनावों में वोट मांगने का नैतिक अधिकार भी खो दिया है। आज मुझे अहसास हुआ कि उत्तराखण्ड का तभी भला होगा जब उत्तराखण्ड में पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार बनेगी। इसीलिए मैं कांग्रेस सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से प्रयास करूँगा ताकि जो सपने उत्तराखण्ड बनाने वाले आंदोलनकारियों ने देखे थे वो पूरा हो सकें। 2016 में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर अपनी सरकार बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों दुरुपयोग किया और लोकतंत्रात्मक तरीकों को तार-2 कर दिया था।