उत्तराखंड से बड़ी खबर

विधान सभा चुनाव में हार के बाद विपक्ष के नाते कांग्रेस ने उठाया उपनल कर्मचारियों का मुद्दा,बहार किए गए कर्मचारियों को बहाल करने की मांग

देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल से उपनल के माध्यम से सेवायोजित विभिन्न संवर्ग के 462 कर्मचारियों को एक झटके में बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए उन्हें तत्काल बहाल करने की मांग की है। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने मांग की है कि उपनल के माध्यम से लगाए गए अल्पवेतनभोगी कर्मचारियों को भगवान भरोसे छोड़ने को नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इन 462 उपनल कार्मिकों को मझधार में छोड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के इस कृत्य की निंदा करती है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब पूरी मानवता कराह रही थी, उस समय अपनी जान जोखिम में डाल कर अस्पतालों में उपनल के जरिए स्वास्थ्य कर्मचारी आगे आए थे, लेकिन, अब कोरोना के मामले कम होते ही अस्पताल प्रशासन ने इन कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं जबकि इन कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखने के लिए सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही बुरी स्थिति में हैं, खासकर दून अस्पताल में इन कार्मिकों ने पूरे कोरोना काल में मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दी और अब उन्हें निराश कर घर भेजा जा रहा है, यह स्थिति बेहद निराशाजनक है। सरकार को तत्काल इन कार्मिकों के साथ न्याय करना होगा, अन्यथा कांग्रेस पार्टी उनके किसी भी आंदोलन का पुरजोर समर्थन करेगी। महर्षि ने कहा कि बुरे दौर में सेवा देने वाले इन कोरोना योद्धाओं को अब स्थिति सामान्य होने पर इस तरह बेसहारा छोड़ देना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शायद चुनाव खत्म होने का इन्तज़ार कर रही थी। इससे यह जाहिर होता है कि भाजपा की नौजवानों को रोजगार देने की कोई मंशा नहीं है बल्कि रोजगार छीनने पर आमादा है।

 महर्षि ने कहा कि पहले ही उत्तराखण्ड में बेरोजगारी भयावह रूप ले चुकी है। डबल इंजन सरकार के कारनामों का ही नतीजा है कि देशभर में शहरी बेरोजगारी के मामले में छोटा सा राज्य उत्तराखण्ड चौथे स्थान पर दर्ज है और यही हाल रहा तो उत्तराखण्ड पहले स्थान पर होगा। भाजपा की यही एकमात्र उपलब्धि है।  महर्षि ने एक बार फिर राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उपनल के इन कार्मिकों को तत्काल समायोजित किया जाए अन्यथा इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!