कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने महंत देवेंद्र दास से की मुलाकात,महत्वपूर्ण मसलों पर हुई चर्चा
देहरादून। वन, तकनीकी शिक्षा, भाषा व निर्वाचन मंत्री सुबोध उनियाल ने बुधवार को श्री दरबार साहिब में मत्था टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की व प्रदेश में वन सम्पदा का संरक्षण एवम् संवद्धन, सूचना एवम् तकनीकी, कृषि, कृषि शिक्षा व आधुनिक किसानी से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने विश्वविद्यालय के कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती पर किये जा रहे विशेष कार्यों से उन्हें अवगत कराया। उनके मध्य वन सम्पदा, पर्यावरण संरक्षण एवम् सवंद्धन, तकनीकी शिक्षा व भाषा जैसे विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई।
बुधवार शाम 6:00 बजे वन एवम् तकनीकी शिक्षा मंत्री का काफिला श्री दरबार साहिब पहुँचा। श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार वन एवम् तकनीकी शिक्षा, भाषा व निर्वाचन मंत्री का स्वागत किया गया। उन्होंने श्री दरबार साहिब में मत्था टेका और श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के साथ शिष्टाचार भेंट की। शिष्टाचार भेंट के दौरान श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने बताया कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में आधुनिक शिक्षा, कृषि, सूचना प्रौ़द्योगिकी, तकनीकी शिक्षा व भाषा पर कई रोजगारपरक पाठ्यक्रम बाजार की मांग के अनुरूप् ढाले गए हैं। विश्वविधालय में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा में स्नातक कोर्स में स्नातक विषय पर युवाओ की रुचि के बारे में भी चर्चा हुई.उतराखंड में वनो व जंगलों की आग एक ज्वलंत समस्या है. वन संपदा के संरक्षण एवम संवर्धन पर भी चर्चा हुई
आधुनिक कृषि के क्षेत्र में बात करते हुए उन्हें जानकारी दी कि श्री दरबार साहिब के कृषि फार्म में जैविक खेती की जा रही है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की ओर से किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में युवाओं के लिए अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा व चिकित्सा शिक्षा में श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन के स्कूलों व श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल को सरकार का महत्वपूर्णं स्वास्थ्य सहयोगी बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी एसजीआरआर के संस्थान जनहित में अपना अमूल्य सहयोग व सहभागिता देते रहेंगे।