भाजपा सरकार नहीं चाहती फीस एक्ट आएं,भाजपा संगठन नहीं चाहता है 3 माह की फीस माफ हो,अभिभावकों की पीड़ा का कोन करेगा समाधान
देहरादून। उत्तराखंड में जहां प्रदेश की भाजपा सरकार नहीं चाहती कि उत्तराखंड में फीस एक्ट लागू वहीं भाजपा संगठन नहीं चाहता है कि कोई भाजपा नेता प्राइवेट स्कूलों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं । जी हां भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह को पार्टी ने जिस तरह कारण बाताओं नोटिस जारी किया है उससे तो यही लगता है कि भाजपा संगठन को ये बात बिल्कुल ही पंसद नहीं आई कि भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह प्राईवेट के बहाने सरकार और सरकारी सिस्टम पर सवाल एठाएं। आपको बतादे कि लाॅक डाउन की वजह से मध्यवर्गीय परिवारों की आय की पीड़ा को देखते हुए भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार से 3 माह की फीस माफ करने की मांग के साथ प्रदेश में फीस एक्ट लागू करने की मांग की थी,ताकि प्राईवेट स्कूल की मनमानी को रोका जा सके। सरकार के द्धारा मामला संज्ञान न लेने पर कुंवर जपेंद्र सिंह ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कि जिस पर कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में केंद्र के साथ प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा है। अब सरकार क्या कुछ जवाब फीस माफ किए जाने को लेकर कोर्ट में देगी ये तो सुनवाई के दिन ही पता चलेगा,लेकिन उत्तराखंड भाजपा संगठन ने इससे पहले भाजपा नेता से कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है। जिससे कई सवाल भाजपा संगठन पर खड़े होते है जिनका जवाब भाजपा संगठन के पास सीधी अक्षरों में शायद ही होगा। क्या भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत इन सवालों का सीधे अक्षरों में जवाब दे पाएंगे।
क्या भाजपा संगठन नहीं चाहता कि इस लाॅक डाउन पीरियड के दौरान 3 महीने की फीस माफ नहीं होनी चाहिए ?
क्या भाजपा संगठन नहीं चाहता है कि उत्तराखंड में फीस एक्ट लागू कर प्रदेश के अभिभावकों को राहत दी जाएं?
क्या भाजपा संगठन ने बिना प्राईवेट स्कूनों के दबाव में ये नोटिस कुंवर जपेंद्र सिंह को जारी किया ?
ये वो सवाल है जिनका जवाव पार्टी सायद ही दे पाएं,पार्टी के कई नेताओं से हमने आज ये सवाल किए भी लेकिन सभी ने बातों को घुमाकर जवाब दिया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के संज्ञान में मामला नहीं था,और कुँवर जपेंद्र सिंह ने सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर पार्टी गाइड लाइन का उल्लंघन किया है ।
फीस एक्ट प्रदेश में पड़ा ठंडे बस्ते में
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने बड़े दावे किए कि उनकी सरकार फीस एक्ट लेकर आ रही है। पिछली साल शिक्षा मंत्री ने बकायदा 15 दिन के भीतर सभी जिलों के प्राईवेट स्कूलों में व्यवस्थाओं को जायजा लेकर फीस एक्ट बनाने की बात कई थी,लेकिन उत्तराखंड में प्राईवेट स्कूल माफियों की पहुंच इतनी खतरनाक है कि मंत्री के दावे भी फीस एक्ट लाने के फीके पड़ गए है और जो फीस एक्ट शिक्षा मंत्री लाने वाले थे जिसका ड्राफ्ट भी बनकर लगभग तैयार हो गया था,वह ठंडे बस्ते में पड़ गया। भाजपा संगठन और सरकार से जुडे सूत्रों की माने तो एक भाजपा नेता ने इसके लिए सीधे सरकार तक बात की किसी भी हाल में प्रदेश में फीस एक्ट नहीं आना चाहिए और हुआ भी वहीं अब तो लगता है शिक्षा मंत्री भी फीस एक्ट लाने का वादा भूल गए है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर त्रिवेंद्र सरकार की वह कोन से मजबूरी प्राइवेट स्कूलों के सामने है जो वह फीस एक्ट लाने में पिछे हट रही है। पूरे मामले को समझें तो कहा जा सकता है कि भाजपा सरकार नही चाहती कि प्रदेश में फीस एक्ट आएं और भाजपा संगठन नही चाहता कि इस समय 3 महीने की फीस माफ हो वरना पार्टी अपने नेता की मांग पर नोटिस देने की बजाय सरकार को राय देती की फीस माफ कर जनता के दिल मे इस समय जगह बनाई जाए ।