सीएम धामी से गणेश गोदियाल ने की मुलाकात,धन सिंह रावत के खिलाफ आरोपों का दिया ज्ञापन,जांच न कराए जाने पर सीएम आवास के बहार धरना देने की कही बात
देहरादून। कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य के शिकायती पत्र पर का संज्ञान लेते हुए धन सिंह रावत ने मुख्य सचिव से बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष रहते हुए गणेश गोदियाल के कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों की जांच कराने के निर्देश दिए थे उसके बाद से गणेश गोदियाल कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं यहां तक कि आज मुख्यमंत्री से मुलाकात कर गणेश गोदियाल ने धन सिंह रावत के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच करने की मांग गणेश गोदियाल ने सीएम से की है साथ ही गणेश गोदियाल का कहना है कि जो आरोप उन पर लगे हुए हैं उनकी भी जांच कराने की मांग उन्होंने सीएम से की है,सीएम को गणेश गोदियाल ने मांग पत्र सौंपा है,जिसमे क्या कुछ मांग की गई है वह इस प्रकार है।
माननीय
मुख्यमंत्री जैसा कि आप अवगत ही हैं कि श्रीबद्रीनाथ – केदारनाथ मन्दिर समिति के एक वर्तमान सदस्यद्वारा वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य मेरी अध्यक्षता वाली मन्दिर समिति पर विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत विभागीय मंत्री से करने की बजाय मेरे राजनैतिक प्रतिद्वंदी श्री धनसिंह रावत, जो कि वर्तमान सरकार में काबिना मंत्री हैं, उनसे की गई है। मा0 मंत्री जी द्वारा मन्दिरस मिति के सम्मानित सदस्य की शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश भी जारी किये गये हैं जिसका मैं स्वागतक रता हूं। आप इस बात से भी अवगत होंगे कि मेरे द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सहकारिता विभाग,में हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा उच्च शिक्षा विभाग में मा० मंत्री श्री धनसिंह रावत के प्राश्रय तमाम घोटालों को उद्धृत करते हुए इन घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। मेरा आपसे निवेदन है कि सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन यह आवश्यक है कि लगाये गये आरोपों पर दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाया जाना चाहिए तथा शिकायत की तटस्थ भाव से जांच एवं तद्नुसार कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे कि समाज का लोकतांत्रिक राजनीति मूल्यों एवं राजनीतिज्ञों पर विश्वास बना रहे।
इसी परिपेक्ष में मेरा यह भी आग्रह है कि मुझ पर व मेरी अध्यक्षता वाली समिति पर लगाये गये आरोपों की जांच के साथ ही मा० मंत्री जी के प्रश्रय में सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले, ऋण आवंटन घोटाले, शेयर खरीद घोटाले उच्च शिक्षा विभाग के सहायक प्रवक्ता भर्ती घोटाले निदेशक भर्ती घोटाले तथा स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिलों के आधार पर आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटालों की जांच हेतु माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की देखरेख में एक सप्ताह के अन्दर पृथक से अलग-अलग जांच समितियां गठित की जांय । अन्यथा ऐसा न करने की स्थिति में मुझे भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने एवं अपने मान-सम्मान की रक्षा हेतु लोकतांत्रिक तरीके से आपके आवास के सम्मुख इस मांग को लेकर घरने पर बैठने पर मजबूर होना पडेगा।