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उत्तराखंड:सरकारी स्कूल के जीर्ण-शीर्ण भवन को तत्काल ध्वस्तीकरण के आदेश जारी,आपदा एक्ट के तहत होगी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

देहरादून। चंपावत जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकांडा के शौचालय की छत गिरने की घटना ने जहां आज सभी को झकझोर कर दिया जिसमें एक छात्रा की मौत हो गई तो कई छात्रों का उपचार चल रहा है। बेशक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं लेकिन यह वास्तव में सवाल है कि आखिरकार यदि शौचालय की छत जर्जर अवस्था में थी तो फिर इसकी भनक कैसे किसी को नहीं लगी, और यदि वास्तव में यह हादसा अचानक हुआ तो किस तरीके से घटना घट गई यह भी सवाल है, खैर यह तो मजिस्ट्रियल जांच के बाद ही सामने आएगा कि यह घटना कैसे घटित हो गई। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी के द्वारा प्रदेश के जीर्ण शीर्ण भवनों को तत्काल ध्वस्तीकरण कराए जाने का आदेश भी आज जारी किया गया। क्या कुछ आदेश के तहत निर्देश दिए गए हैं वह आप बिंदुवार पढ़ सकते हैं।

जीर्ण-शीर्ण भवन, जो कि निष्प्रयोज्य हो चुके हैं को चिन्हित किया जाये तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि छात्र छात्रा किसी भी दशा में उक्त भवनों के आस-पास नहीं जायें। उक्त भवन का आपदा प्रबन्धन एक्ट के तहत तत्काल ध्वस्तीकरण कर लिया जाये, जिससे किसी भी प्रकार के दुर्घटना की स्थिति न रहे। शौचालय आदि भवनों का भी भली-भांति निरीक्षण कर लिया जाये।

→ यदि भवन मरम्मत के योग्य हैं तो जिला पंचायती राज अधिकारी के सम्पर्क करते इस हेतु पंचायती राजविभाग के माध्यम से आवंटित धनराशि के सापेक्ष तत्काल मरम्मत करवा ली जाये।

→ छात्र-छात्राओं को केवल सुरक्षित भवनों में ही बिठाया जाये तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि किसी भी दशा में छात्र छात्रायें जीर्ण-शीर्ण विद्यालय भवनों में अथवा उनके नजदीक नहीं बैठें। यह भी ध्यान रखा जाये कि विद्यालय भवन के पास कोई पेड़ अथवा बिजली के ट्रांसफार्मर / तार तो नहीं हैं, जिनसे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

 

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