उत्तराखंड से बड़ी खबर

अधिकारियों कर रहें हैं सरकारी धन के गबन के आरोपों की अनदेखी,भाजपा नेता ने फिर खोल मोर्चा

देहरादून। भाजपा नेता और राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने मुख्य सचिव,अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्धन, सचिव वित्त मीनाक्षी सुंदरम और वित्त नियंत्रक मामूर जहां को पत्र भेजकर अवगत करवाया है, कि उन्होंने 20 जनवरी 2022 को पत्र लिखकर साक्ष्यों सहित मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग, वित्त विभाग और कार्मिक विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया था, कि आपदा प्रबंधन विभाग के 2 संविदा कर्मचारियों जिसमें अधिशासी निदेशक पीयूष रौतेला और वित्त अधिकारी के एन पांडे ने एक आउटसोर्स कार्मिक के अकाउंट में सरकारी धन को ट्रांसफर करके फर्जी बिलों के माध्यम से करोड़ों रुपए का गबन किया है जिसके साक्ष्य उन्होंने अपने पत्र में उपलब्ध करवाए हैं।

जुगरान ने अपने पत्र में शिकायत की है कि जनवरी 2022 में साक्ष्यों सहित शिकायत की गई लेकिन किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद इस विषय पर जुगरान ने अप्रैल 2022 में पहला रिमाइंडर भेजा तब भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद अगस्त 2022 में जुगरान ने दूसरा रिमाइंडर भेजा लेकिन इसके बावजूद भी मुख्य सचिव ,आपदा प्रबंधन विभाग, कार्मिक विभाग, वित्त विभाग और आपदा विभाग के वित्त नियंत्रक ने कोई कार्यवाही नहीं की।

जुगरान ने अपने पत्र में शिकायत की है कि सारे साक्ष्य उपलब्ध करवा देने के बाद भी यदि आपदा प्रबंधन विभाग, वित्त विभाग , कार्मिक विभाग और वित्त नियंत्रक राज्य के सरकारी धन के करोड़ों रुपए के गबन के इतने गंभीर विषय पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो यह विषय चिंतनीय है और इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि करोड़ों रुपए के गबन के आरोपियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। क्या वित्त विभाग, कार्मिक विभाग, और आपदा प्रबंधन विभाग के कुछ अधिकारी इस गबन में शामिल हैं जिनको बचाने का प्रयास अब शासन कर रहा है।

जुगरान ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के बिना 2 संविदा कर्मचारियों के लिए करोड़ों रुपए का गबन करना इतना आसान नहीं है और संभव भी नहीं है।

जुगरान ने अपने पत्र में आपदा प्रबंधन विभाग में हुए 7 बड़े घोटालों का जिक्र किया है जिनके साक्ष्य वह शासन को पहले ही उपलब्ध करवा चुके हैं, लेकिन उनमें से किसी भी प्रकरण पर शासन ने अभी तक कोई भी विधिक कार्यवाही नहीं की है और आरोपियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है।

जुगरान ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि आपदा प्रबंधन विभाग में नियुक्त किए गए वित्त नियंत्रक ने शिकायत और साक्ष्य प्राप्त होने के बावजूद भी करोड़ों रुपए के गबन के प्रकरण और अन्य वित्तीय घोटालों पर कोई कार्यवाही नहीं की, इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वित्त नियंत्रक गबन के आरोपियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं और अपने दायित्व के विपरीत कार्य कर रहे हैं।

जुगरान ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया है कि यदि अभी भी वित्त विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और वित्त नियंत्रक इस प्रकरण पर कोई विधिक कार्यवाही नहीं करते हैं तो वह महालेखाकार उत्तराखण्ड और ऑडिटर जनरल, भारत सरकार से शिकायत करेंगे और आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र में हुए इन करोड़ों रुपए के घोटालों की जांच करने की मांग करेंगे। जुगरान ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर कार्यवाही न होने पर वे माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर करेंगे लेकिन राज्य के सरकारी धन की लूट के आरोपियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शेंगे।

अब देखते हैं कि मुख्य सचिव, वित्त विभाग, कार्मिक विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के वित्त नियंत्रक करोड़ों रुपए के गबन के इन प्रकरणों के आरोपियों पर क्या कार्यवाही करते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!