दूरस्थ जनपद में शिक्षा विभाग में अधिकारियों और स्कूलों में प्रधानाचार्य का टोटा,एक शिक्षक ने हकीकत को किया बयां
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था के लाख दावे होते हैं की व्यवस्था को बेहतर किया जाएगा, लेकिन व्यवस्थाएं तभी सुधरेंगे जब स्कूलों में पर्याप्त संसाधन के साथ प्रधानाचार्य की शत-प्रतिशत नियुक्ति होगी साथ ही अधिकारियों की कमी भी विभाग में पूरी होगी । लेकिन चमोली जनपद में प्रधानाचार्य और अधिकारियों की कमी को लेकर राजकीय शिक्षक संघ के चमोली जनपद के महामंत्री प्रकाश सिंह चौहान ने कुछ जानकारी अपनी कलम से साझा की है, कि आखिरकार चमोली जनपद में किस तरीके से अधिकारियों के साथ प्रधानाचार्य की कमी स्कूलों में है।
प्रकाश सिंह चौहान का कहना है कि जनपद चमोली देश का सीमांत जिला होने के साथ- साथ एक दुर्गम एवं पहाडी जनपद भी है जहाँ सूदूर गांवों मे रहने वाले बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए सरकारी विद्यालयों मे आते हैं! जनपद के 9 विकास खंडों मे से कुल 127 राजकीय इंटर कॉलेज एवं 79 हाईस्कूल है! इन 206 राजकीय स्कूलों मे लगभग 32 हजार से ऊपर छात्र छात्राएं अध्ययनरत है!किसी भी विद्यालय की पूरी मशीनरी प्रधानाचार्य के इर्दगिर्द ही घूमती है ओर वह विद्यालय का केंद्र बिन्दु होता है, लेकिन जनपद चमोली मे इन राजकीय स्कूलों मे पूर्णकालिक प्रधानाचार्यो एवं प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों की जो स्थिति है वह न केवल भयावह है बल्कि ऐसी स्थिति है कि किसी- किसी विकासखंड के एक भी स्कूल मे एक भी प्रधानाचार्य- प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नही की गई है! 9 विकासखंडो मे रिक्तियों की स्थिति-
देवाल विकासखंड- देवाल विकासखंड मे 17 इंटर कॉलेज/हाईस्कूल है लेकिन पूरे देवाल विकासखंड के किसी भी विद्यालय मे प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नही की गई है! देवाल विकासखंड मे तो न खंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त हैं ओर न ही उप शिक्षा अधिकारी! विकासखंड की स्थिति यह है कि इसमें एक भी आहरण वितरण अधिकारी नही है जिससे वेतन बिल एवं सामान्य शासकीय पत्राचार पर हस्ताक्षर करवाने 60 किमी से ऊपर जाना पड रहा है!
थराली विकासखंड- थराली विकासखंड मे 16 इंटर कॉलेज/ हाईस्कूल है जिनमें मात्र एक इंटर कॉलेज मे पूर्णकालिक प्रधानाचार्य नियुक्त हैं! विकासखंड मे खंड शिक्षा अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा है!
नारायणबगड विकासखंड- नारायणबगड विकासखंड मे 22 इंटर कॉलेज/ हाईस्कूल हैं ! पूरे विकासखंड मे एक भी प्रधानाध्यापक- प्रधानाचार्य नियुक्त नही है!
गैरसैण विकासखंड- गैरसैण प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी है लेकिन यहाँ कुल 32 इंटर कॉलेज/ हाईस्कूल मे मात्र 1 पूर्णकालिक प्रधानाचार्य नियुक्त हैं बाकि सभी पद रिक्त हैं! ग्रीष्मकालीन राजधानी मे न तो खंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त हैं ओर न ही उप शिक्षा अधिकारी! सामान्य कामकाज कैसे चल रहा होगा सोचा जा सकता है!
जोशीमठ विकासखंड- जोशीमठ विकासखंड देश का सीमांत विकासखंड है यहाँ 19 इंटर कॉलेज/ हाईस्कूल मे मात्र 1 प्रधानाचार्य कार्यरत हैं बाकि सभी रिक्त चल रहे हैं, विकासखंड मे न तो पूर्णकालिक बीईओ है ओर न ही उप शिक्षा अधिकारी है!
नंदानगर विकासखंड- नंदानगर विकासखंड के 19 इंटर कॉलेज/ हाईस्कूल मे 2 प्रधानाचार्य 2 प्रधानाध्यापक नियुक्त हैं बाकि सभी रिक्त चल रहे हैं!
पोखरी विकासखंड- पोखरी विकासखंड के कुल 24 इंटर कॉलेज- हाईस्कूल मे 3 प्रधानाचार्य व 2 हैडमास्टर नियुक्त हैं!
दशोली विकासखंड- दशोली विकासखंड के 26 स्कूलों मे 7 प्रधानाचार्य नियुक्त हैं! खंड शिक्षा अधिकारी का पद रिक्त है!
कर्णप्रयाग विकासखंड- कर्णप्रयाग विकासखंड के 31 स्कूलों मे 6 प्रधानाचार्य व 3 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। विकासखंड मे पूर्णकालिक बीईओ का पद रिक्त चल रहा है।
पूरे जनपद मे 127 इंटर कॉलेज मे 106 प्रधानाचार्य के पद एवं 79 हाईस्कूल मे 72 हैडमास्टर के पद रिक्त चल रहे हैं। यही नही 9 बीईओ मे से 6 पूर्णकालिक बीईओ के पद रिक्त पद है। इन रिक्तियों के कारण जनपद के सभी विद्यालय डीडीओ की कमी से भी जूझ रहे हैं। यही हाल माध्यमिक विद्यालयों मे प्रवक्ताओं के रिक्त पदों की भी है।
इतनी भारी संख्या मे पदों की रिक्तियों हैं लेकिन कही कोई जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नही है! सरकारी शिक्षा एवं सरकारी स्कूलों के प्रति ऐसी बेरूखी बहुत दुखद है!प्रदेश मे प्रधानाचार्य के 1383 व हैडमास्टर के 932 पद स्वीकृत है! विभागीय ढांचे मे प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक के ये सभी पद प्रमोशन से भरे जाने का प्रावधान है जिसके अंतर्गत प्रधानाध्यापक पद पर प्रवक्ता संवर्ग के 45 % व एलटी संवर्ग से 55 % शिक्षक पदोन्नत होकर आते हैं! फिर यही प्रधानाध्यापक प्रमोशन पाकर प्रधानाचार्य बनाए जाते हैं!
प्रधानाचार्य- प्रधानाध्यापक पदों की सेवा नियमावली मे प्रधानाध्यापक पद हेतु निर्धारित न्यूनतम आहर्ता को हजारों शिक्षक पूरा कर चुके हैं विभाग चाहे तो एक हफ्ते मे इनको पदोन्नति देकर प्रधानाध्यापकों के रिक्त पद भर सकता है एवं इसी नियमावली के नियम 5 मे शिथिलीकरण के प्रावधान को लागू कर प्रधानाध्यापकों को प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति दे सकती है!
इस मुद्दे पर राजकीय शिक्षक संघ जनपद चमोली कई बार शिक्षा मंत्री, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा एवं निदेशक (माध्यमिक) को अवगत करवा चुका है एवं ज्ञापन भी सौंप चुका है लेकिन अभी तक स्थितियों जस की तस बनी हुई है! सार्वजनिक शिक्षा एवं सरकारी स्कूलों मे पढने वाले छात्र छात्राओं के हित के लिए आवश्यक है कि सरकार/ विभाग इस मुद्दे पर प्राथमिकता से ध्यान देकर शिक्षकों की पदोन्नति करें ताकि इस समस्या से निजात मिल सके।