उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड भाजपा से बड़ी खबर,प्रदेश मीडिया प्रभारी बदले जाने से पार्टी के भीतर चर्चाओं का बाज़ार गर्म

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा से बड़ी खबर सामने आ रही है,जी हां उत्तराखंड भाजपा ने अपने प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय को हटा दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बकायदा इसके ओदश भी जारी कर दिए है। प्रदेश मीडिया प्रभारी हटाएं जाने से भाजपा के भीतर सवाल उठने लगे है कि आखिर तीन महीने पहले अजेंद्र अजय को दी गई जिम्मेदारी को क्यों वापस लिया गया है। भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो प्रदेश अध्यक्ष की नापसंद की वजह से अजेंद्र अजय को हटाया गया है। खास बात ये है कि जो निर्देश अजेंद्र अजेय को हटाने को लेकर जारी किया गया है उसमे हवाला दिया गया है कि खुद अजेंद्र अजय ने असमर्थता जाहिर की कि उनसे जिम्मेदारी वापस ली जाए । लेकिन अजेंद्र अजय का कहना है कि ये उन्होने उस समय कहा था जब उन्हे जिम्मेदारी सौंपी गइ्र्र थी,और इस समय वह अपनी जिम्मेदारी पूरी तनमयता के साथ निभा रहे थे,प्रदेश मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी हटाए जाने को लेकर वह कुछ नहीे कहला चाहते है लेकिन पार्टी के समक्ष वह अपनी बात रखेंगे। यानी अजेंद्र अजय से जो जिम्मेदारी वापस ली गई उसको लेकर वह पार्टी फोरम पर अपनी बात रखने से साफ हो जाता है मडिया प्रभारी की जिम्मेदारी हटाएं जाने से वह खुश नहीं है अगर होते तो वह इस बात को पार्टी फोमर पर रखने की बात न करते और खुशी – खुशी कहते है कि उनसे जो जिम्मेदारी वापस ली गई उसे वह खुश है।

आदेश की अजेंद्र अजय को भी नहीं लगी भनक

अजेंद्र अजेय को हटाए जाने का आदेश और प्रदेश उपाध्यक्ष देवेद्र भसीन को प्रदेश मीडिया प्रभारी बनाएं जाने के आदेश की भनक खुद बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय तक को नहीं लगी और भाजपा में सभी आदेशों को जहां मीडिया के समक्ष प्रदेश मीडिया प्रभारी जारी करते है,वहीं अजेंद्र अजय को हटाने के आदेश को चुप – चाप तरके से शोसल मिडिया के जरिए पार्टी ने वायरल करवाया,जिससे सवाल उठता है कि जब पार्टी हर आदेश को मीडिया के लिए सार्वजनिक करती है तो फिर इस आदेश को क्यों छुपा गया।

प्रदेश अध्यक्ष पर उठ रहे है सवाल

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के इस निर्णय से प्रदेश अध्यक्ष पर सवाल उठ रहे है कि लाॅक डाउन के दौरान जब अजेंद्र अजय ने कांग्रेस को पूरी तरह से अपने बयानों और सरकार के द्धारा किए जा रहे कार्यों से बैकफूट पर धकेले रखा तो फिर लाॅकडान अनलाक होते ही प्रदेश मीडिया प्रभारी पर से अजेंद्र अजय को बिना भनक लगते ही क्यों हटा दिया। खैर कुछ भी हो लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले से भाजपा के भीतर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है कि क्या बंशीधर भगत के राज में पार्टी में गुटबाजी ने पैर पसार लिए है। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के दिन भाजपा के बागी नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ चुनाव लड़े प्रमोद नैनवाल की प्रदेश कार्यालय में इंट्री से ही बंशीधर भगत पर सवाल उठ गए थे। 

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