कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा के विधायक पर लगाया जमीन कब्जाने का आरोप,उठाए कई सवाल
अतः नगर निगम की कार्रवाही में भारी विरोधाभास पाया गया है। अजय सिंघल का कहना है कि अभी लेखिए कूट रचना कर प्रकरण में भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है ताकि सच्चाई दबाई जा सके, नगर निगम की 6 बीघा जमीन पर एक प्राईवेट संस्था का कब्जा है जो कि जनहित में मुक्त होनी चाहिए। आयोग की कार्रवाही में पाया गया कि नगर के उपस्थित प्रतिनिधि और अधिकारी इस प्रकरण पर स्पष्ट एवं संतोषजनक उत्तर नही दे पा रहे हैं उक्त प्रकरण नगर निगम की व्यवस्था एवं कार्य संस्कृति पर सवाल है। नगर निगम आर्थात छोटी सरकार जनतन्त्र के लिहाज से एक अहम संस्था है। हैरानी की बात यह है कि जब वहाँ एक सत्तारूढ दल के जनप्रतिनिधि की सुनवाई नही है तो कैसे उम्मीद की जाए कि वहाँ जनता सुनवाई होती होगी। बड़ा सवाल यह है कि नगर निगम देहरादून किसके लिए है? देहरादून नगर की जनता के लिए? या कुछ खास लोगो के लिए? निगम की जमीने खुलेआम कब्जा हो रही हैं खुर्द बुर्द की जा रही है नगर निगम मूक दर्शक बना हुआ है य इसे नगर निगम की सलिप्तता माना जाए। इसे क्या कहना चाहिए लूट की खुली छुट, साजिस, अराजकता, लापरवाही, अकरमन्यता या संरक्षण । यदि सत्तारूढ़ दल के प्रतिनिधि को कार्रवाही के लिए सूचना के अधिकार का सहारा लेना पड़ता तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या होगा। निसंदेह यह भविष्य के लिए बेहद गम्भीर एवं भयावह स्थिति का संकेत हैं। यह सिर्फ जनतंत्र पर सवाल नही सरकार की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्न चिन्ह है। इसके अतिरिक्त देहरादून स्थित डालनवाला थाने के समीप नगर निगम की एक बडी भूमि पर किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा कब्जा कर लिया गया और नगर निगम ने उस भूमि पर उस व्यक्ति से टैक्स भी जमा कर लिया जिससे उस व्यक्ति का उस नगर निगम की जमीन पर अधिकार और पुख्ता हो गया। माहरा ने पूछा कि सरकार और जनता की सम्पत्ति को लुटाने का नगर निगम को क्या अधिकार है? माहरा ने बताया कि दूसरा प्रकरण हरिद्वार का है। हरिद्वार के बड़ा उदासीन अखाड़ा द्वारा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक मदन कौशिक पर उदासीन अखाड़े की जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया गया है, बहुत बडी संख्या में संतो द्वारा मीडिया में इस बात की मांग की गई कि मदन कौशिक और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा जो जमीन कब्जाई गई है उसकी जांच करा दी जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। क्योंकि विगत कई वर्षों से तमाम अखाड़े के लोगों ने शिकायत की है कि मदन कौशिक और उनके रिश्तेदारों द्वारा सैकड़ों बीघा जमीन जो विभिन्न अखाड़े हैं उन पर कब्जा किया जा रहा है और उनमें संपत्तियों को खड़ा किया जा रहा है और बेचा जा रहा है। इस संबंध में कई लोगों से बातचीत भी की गई, इससे पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई प्रधानमंत्री और अमित शाहद के नाम अखाडे के संतों द्वारा पत्र भी लिखा गया। सन्त मोहन गिरी के अपहरण और हत्या का मामला भी उठाया गया। माहरा ने कहा कि हरिद्वार व देहरादून में भारतीय जनता पार्टी के जितने भी नेता हैं चाहे विधायक, पार्षद या मंत्री उनकी सम्पत्ति की जॉच होनी चाहिए, माहरा यहीं नही रूके उन्होंने कहा कि असली लैण्ड जिहाद के सूत्रधार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गण ही हैं चाहे वह मंत्री पदों पर रहे व्यक्ति हों या चाहे बड़े वरिष्ठ विधायक, प्रदेश मंे चल रहे लैंड जिहाद में सबसे बड़ा हाथ उन्हीं का रहा है। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की धामी सरकार अपनी कमियों को छिपाकर कहीं मंदिर तो कहीं मजारों पर अतिक्रमण का आरोप लगा रही है लेकिन अगर इसकी जांच करा लें तो सबसे बड़े घोटालेबाज भारतीय जनता पार्टी के नेता ही निकलेंगे। की बात आएगी आज की बात आएगी तो सामने आ जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।