आपदा विभाग में ज्यादा वेतन दिए जाने का मामला,भाजपा नेता ने हरीश रावत की भूमिका पर भी उठाए सवाल
देहरादून। वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने एक बार फिर पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि आपदा प्रबंधन विभाग में अन्य विभागों की तुलना में ज्यादा वेतन दिए जाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस के तत्कालीन राज्यमंत्री प्रयाग दत्त भट्ट की मिलीभगत है। जुगरान ने 12 जून 2023 को आपदा प्रबंधन विभाग में हुए करोड़ों रुपए के वेतन घोटाले का खुलासा किया था,जिसमें उन्होंने साक्ष्य सहित आरोप लगाए थे कि आपदा प्रबंधन विभाग में दिसंबर 2016 में 04 कार्मिकों मोहन सिंह राठौर, गोविंद सिंह रौतेला, भूपेंद्र भैसोड़ा और घनश्याम टम्टा का फर्जी नियमितीकरण किया गया और उनको गलत वेतनमान निर्धारित करके अवैध वेतन के रूप में उन्हें अब तक 01 करोड रुपए अधिक दिए जा चुके हैं जिसकी इन चारों कार्मिकों से रिकवरी की जानी है।
जुगरान ने एक बार फिर इस घोटाले के संबंध में पत्र लिखकर शिकायत की है कि यह वेतन घोटाला कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में किया गया जिसमें तत्कालीन कांग्रेस सरकार के राज्यमंत्री और आपदा प्रबंधन पुनर्वास पुनरनिरीक्षण समिति के अध्यक्ष प्रयाग दत्त भट्ट भी सम्मिलित हैं। इन कार्मिकों की नियमितीकरण की पत्रावली की एक नोटशीट में प्रयाग दत्त भट्ट के सिफारिश हेतु लिखे गए पत्र का स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है।
जुगरान ने अपने पत्र में आरोप लगाए हैं कि राज्यमंत्री प्रयाग दत्त भट्ट की सिफारिश पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन 04 कार्मिकों के नियम विरुद्ध नियमितीकरण की संस्तुति प्रदान की और सचिव आपदा प्रबंधन जो कि सचिव मुख्यमंत्री भी थे और वित्त विभाग से इनको गलत वेतनमान भी स्वीकृत करवाए गए।
जुगरान ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने इतना बड़ा वेतन घोटाला किया है जो कि अब पकड़ में आया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत जोकि आपदा प्रबंधन मंत्री भी थे उन्होंने प्रयाग दत्त भट्ट की सिफारिश पर उनके चार चहेते कार्मिकों को अवैध वेतन स्वीकृत कराकर इस राज्य और राज्य की जनता के धन को लुटाने का कार्य किया है जो कि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जुगरान ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस वेतन घोटाले के साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे और इसकी जांच करवाकर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करवाएंगे।
जुगरान ने निदेशक कोषागार, निदेशक लेखा साइबर कोषागार, और मुख्य कोषाधिकारी साइबर कोषागार को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि इन 4 कार्मिकों को दिए जा रहे अवैध वेतन पर तत्काल रोक लगाई जाये और जांच की कार्यवाही पूर्ण होने तक इनका वेतन किसी भी सूरत में निर्गत ना किया जाये। जुगरान ने पत्र में यह भी लिखा है कि उनके संज्ञान में आया है कि आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्य कोषाधिकारी साइबर कोषागार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जांच की कार्यवाही पूर्ण होने तक इन कार्मिकों का वेतन निर्गत किया जाये, जो कि बिल्कुल ग़ैरविधिक है। वेतन विसंगति की शिकायत होने के बाद गलत वेतन निर्गत नहीं किया जा सकता है।
जुगरान ने निदेशक कोषागार से मांग की है कि इनको 6 वर्ष 6 माह में दिए गए अवैध वेतन का निदेशक लेखा से स्पेशल ऑडिट करा कर इनको वेतन में दी गई 01 करोड़ रुपय की अधिक धनराशि की तत्काल इनसे रिकवरी की जाये और इनके पदों के वेतनमान वित्त विभाग की नियमावली और अन्य विभागों के समान पदों के अनुरूप पुनः निर्धारित किये जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार अभी जिस तरह से भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्यवाही कर रही हैं, इससे यह तो निश्चित है कि इस घोटाले को अंजाम देने वाले आपदा प्रबंधन विभाग वित्त विभाग और साइबर कोषागार के दोषी अधिकारियों पर भी सख्त विधिक कार्यवाही की गाज गिरनी तय है।