उत्तराखंड से बड़ी खबर

शिक्षा विभाग में केंद्रीय पोषित योजनाओं में उत्तराखंड की स्थिति हो रही है अब्बल,बेहतर राज्यों की क्षेणी में टॉप 3 में उत्तराखंड

देहरादून। भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने की दृष्टि से प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठक निर्धारित
की गयी है। इसी के क्रम में द्वितीय समीक्षा बैठक ऑनलाईन माध्यम से दिनांक 04 जुलाई, 2023 को आयोजित की गयी लेकिन निर्धारित समयान्तर्गत बैठक हेतु निर्धारित बिन्दुओं पर
सभी राज्यों की प्रगति की समीक्षा नहीं की जा सकी इसलिए बैठक दिनांक 07 जुलाई, 2023 को भी आयोजित की गयी। बैठक में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से सचिव संजय कुमार एवं अपर सचिव  विपिन कुमार द्वारा राज्यों की समीक्षा की गयी। राज्यों की ओर से इस बैठक में प्रमुख सचिव, सचिव, राज्य परियोजना निदेशक आदि के द्वारा प्रतिभाग किया गया । बैठक में समीक्षा के मुख्य बिन्दुओं में समग्र शिक्षा के अन्तर्गत किये जा रहे निर्माण कार्य, स्मार्ट कक्षाएँ, समग्र शिक्षा के अन्तर्गत व्यय की स्थिति, वर्ष 2023-24 के लिए
स्वीकृत धनराशि के अन्तर्गत प्रथम किश्त की धनराशि अवमुक्त किये जाने हेतु भारत सरकार को आवश्यक अभिलेख उपलब्ध कराना, पी०एम० पोषण, यूडायस आंकडऋों को
पोर्टल पर अपलोड करना आदि थे।

उक्त समीक्षा में अधिकांश राज्यों की प्रगति अपेक्षित न होने पर जहां उन्हें शीघ्र कार्यों को पूर्ण किये जाने के लिए प्राथमिकता दिये जाने के निर्देश दिये गये वहीं
कुछ राज्य के साथ ही उत्तराखण्ड की सराहना की गयी। समीक्षा के दौरान भारत सरकार द्वारा राज्यों को जो जानकारी दी गयी उसके अनुसार निर्माण कार्यों के अन्तर्गत
उत्तराखण्ड राज्य की प्रगति में औसतन रूप से अच्छा प्रर्शन करने वाले शीर्ष राज्यों में सम्मिलित है। सभी राज्यों में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण कार्य की प्रगति में
उत्तराखण्ड में केवल 2.3% कार्य ही शेष दिखाये गये तथा राज्य को अच्छे राज्यों की श्रेणी में तीसरा स्थान दिया गया जो कि निकटवर्ती राज्यों हिमाचल ( 28.8%) एवं उत्तर प्रदेश
( 38% ) से अच्छी है। बालक शौचालय में केवल 3.0% कार्य ही लम्बित दिखाये गये हैं तथा राज्य को अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में चतुर्थ स्थान पर रखा गया है। जबकि निकटवर्ती राज्यों हिमाचल प्रदेश में लम्बित कार्य 95% एवं उत्तर प्रदेश में लम्बित कार्य 68% दिखाये गये हैं। बालिका शौचालय में केवल 1.0% निर्माण कार्य ही नहीं हो पाये हैं तथा राज्य को अच्छे राज्यों में से दूसरा स्थान दिया गया है जबकि निकटवर्ती राज्यों हिमाचल प्रदेश में लम्बित कार्य 95% एवं उत्तर प्रदेश में लम्बित कार्य 63% दिखाये गये हैं। इसी प्रकार दिव्यांग बच्चों से सम्बन्धित शौचालयों के कार्य पूर्ण करने में भी राज्य को
छठवें स्थान पर रखा गया है जबकि निकटवर्ती राज्यों हिमाचल प्रदेश में 100% कार्य लम्बित दिखाये गये हैं तथा उत्तर प्रदेश में लम्बित कार्य 51% दिखाये गये हैं। UDISE+ पोर्टल पर आकड़ों को अपलोड करने एवं उनके सत्यापन में भी यद्यपि राज्य स्तर से अन्तिम रूप से कार्य पूर्ण किया जाना है तथापि उत्तराखण्ड की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक रही है। भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2023-24 की प्रथम किश्त के लिए राज्यों द्वारा
अद्यतन की गयी कार्यवाही की स्थिति की समीक्षा की गयी। उत्तराखण्ड राज्य स्तर से प्रथम किश्त के लिए आवश्यक अभिलेख भी यथासमय भारत सरकार को उपलब्ध कराये
गये हैं तथा शीघ्र कार्य करने वाले राज्यों में सम्मिलित किया गया है। इसी के साथ ही देश के 20 राज्यों द्वारा अद्यतन पिछले वित्तीय वर्ष में प्राप्त बजट सम्बन्धी आंकड़े भारत सरकार को उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।  जबकि उत्तराखण्ड द्वारा समय पर आंकड़े भारत सरकार को दिये गये हैं। राज्य की ओर से भारत सरकार को अवगत कराया गया है कि राज्य सरकार द्वारा केन्द्रांश के समतुल्य राज्यांश पूरा अवमुक्त किया गया है लेकिन पी०एम०एफ०एस० पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है तथा भारत सरकार से इसमें कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया है। स्मार्ट कक्षाओं एवं आई०सी०टी० लैब की स्थापना की समीक्षा में यह पाया गया कि राज्य की स्थिति अपेक्षा के अनुरूप नहीं पायी गयी। इस संदर्भ में विभागीय
अधिकारियों के द्वारा अवगत कराया गया कि इस संदर्भ में राज्य सरकार से अनुमति अब प्राप्त हो गयी है इसलिए 929 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षा एवं 777 विद्यालयों में आई०सी०टी०
लैब शीघ्र स्थापित किये जाने की कार्यवाही कर ली जायेगी।
पी०एम० पोषण की समीक्षा में भी राज्य की वर्तमान स्थिति अन्य राज्यों से अच्छी है तथा भारत सरकार द्वारा किसी भी बिन्दु / सूचना को लम्बित नहीं दिखाया गया है। उक्त बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से राज्य परियोजना निदेशक  बंशीधर तिवारी, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, वन्दना गर्याल, अपर राज्य परियोजना निदेशक, डॉ० मुकुल कुमार सती, वित्त नियंत्रक, मो० गुलफाम अहमद, उप निदेशक
शैलेन्द्र अमोली एवं उप राज्य परियोजना निदेशक मदन मोहन जोशी द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

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