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समग्र शिक्षा निदेशक बंशीधर तिवारी ने ली बैठक,बजट खर्च न होने पर जताई नाराजगी

देहरादून।  राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड, बंशीधर तिवारी के निर्देशन में राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, उत्तराखण्ड के सभागार में अपर राज्य परियोजना निदेशक, डॉ0 मुकुल कुमार सती एवं वित्त नियंत्रक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड की उपस्थिति में समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड से सम्बन्धित बिन्दुओं पर समीक्षा बैठक समस्त जिला परियोजना अधिकारियों, प्राचार्य, समस्त डायट उत्तराखण्ड एवं अपर जिला परियोजना अधिकारियों (माध्यमिक/प्रारम्भिक) के साथ ऑनलाईन सम्पादित की गयी। बैठक में समग्र शिक्षा के अर्न्तगत संचालित विभिन्न योजनाओं एवं क्रिया-कलापों की समीक्षा जनपदवार प्रस्तुतीकरण के माध्यम से की गयी। समीक्षा बैठक में निम्नलिखित बिन्दुओं पर चर्चा की गयी।

 

 

 

 

1. सर्व प्रथम वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गयी, जिसमें संज्ञान में आया कि कतिपय जनपदों के द्वारा अवमुक्त की गयी धनराशि के सापेक्ष न्यूनतम धनराशि का व्यय किया गया है। जिसके सम्बन्ध में जनपदों के द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद की निचली इकाइयों को धनराशि अवंटित कर दी गयी है। विद्यालयों के द्वारा धनराशि व्यय नहीं की जा रही है।  उक्त के सम्बन्ध में राज्य परियोजना निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि आज ही कार्ययोजना तैयार कर राज्य परियोजना कार्यालय को अवगत करायें तथा कब तक धनराशि व्यय की जायेगी, इस सम्बन्ध में जानकारी भी उपलब्ध करायें।

 

2. कतिपय जनपदों के द्वारा निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। जिस कारण धनराशि व्यय नहीं हो पा रही है। जनपदों द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माण एजेन्सी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के टेण्डर न करने के कारण निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाये हैं। तदक्रम मंे राज्य परियोजना निदेशक ने तत्काल मुख्य अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से वार्ता कर निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिये।

 राज्य परियोजना निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि निर्माण एजेंसियों से सम्पर्क करते हुए तत्काल टेण्डर प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाय।

 

 

 

3. पी.एम. श्री योजना के अर्न्तगत भारत सरकार द्वारा केन्द्रांश की प्रथम किश्त राज्य सरकार के निवर्तन अवमुक्त कर दी गयी है। राज्य सरकार से धनराशि प्राप्त होने पर विद्यालयों को आवंटित कर दी जायेगी। धनराशि अवमुक्त कराये जाने हेतु प्रक्रिया गतिमान है। द्वितीय चरण के पी0एम0 श्री विद्यालयों का चयन मंे पूर्ण सावधानी बरती जाये।

 

 

 

 

4. साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि पूर्व की भांति विद्यालयों के चयन में लापरवाही न बरती जाये।

 

 

 

5. भारत सरकार द्वारा पी.एम. श्री योजना के अन्तर्गत विद्यालयों के द्वितीय चरण के चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। जिसकी समय सारणी भी तय की गयी है। पोर्टल पर नामांकन की प्रक्रिया दिनांक 01 अगस्त, 2023 से प्रारम्भ कर दी गयी है। जिसकी अन्तिम तिथि 21 अगस्त, 2023 निर्धारित की गयी है।

 

 

6. के.जी.बी.वी. छात्रावासों की स्थिति के सम्बन्ध में राज्य परियोजना निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि छात्रावासों को आवंटित धनराशि का सही उपयोग किया जाय तथा छात्रावासों में आवासित छात्राओं को कोई कमी न हो। यदि किसी छात्रावास में किसी वस्तु की कमी होती है तो राज्य स्तर को सूचित करें।

 

 

7. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावासों के लिए अवंटित धनराशि का उपयोग किया जाये तथा छात्रावासों में निर्धारित संख्या के आधार पर छात्राओं को पंजीकृत करना सुनिश्चित करें।

 

 

 

 

8. राज्य स्तर से प्रदेश के आवासीय विद्यालय यथा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों के प्रभावी अनुश्रवण हेतु राज्य स्तर से प्रत्येक विद्यालय हेतु एक मैन्टौर नामित किये जायेंगें जो उस विद्यालय के लिये पूर्णतः उत्तरदायी रहेंगें।

 

 

 

9. प्रत्येक मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक), जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) एवं प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट अनिवार्य रूप से विद्यालयों का प्रभावी अनुश्रवण कर ऑन साईट सपोर्ट प्रदान करें।

 

 

10. आगामी बैठक 10 अगस्त 2023 को सांय 07 बजे से होगी, जिसमें समग्र शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा के कार्यों की वृहद समीक्षा की जायेगी।

 

 

 

11. बैठक में पी0एम पोषण योजना की भी समीक्षा की गयी जिसमें जनपद देहरादून, हरिद्वार में राज्य प्रकोष्ठ को उपलब्ध करायी गयी धनराशि को विद्यालयों तक उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा कडी आपत्ति व्यक्त की गयी। साथ ही विद्यालयों में समय समय पर निरीक्षण कर पी0एम पोषण योजना की समीक्षा कर रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए गए जिसके अन्तर्गत मुख्यमंत्री अमृत आंचल योजना की समीक्षा भी की जाये।

 

 

 

अन्त में राज्य परियोजना निदेशक द्वारा न्यून धनराशि व्यय किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की गयी तथा निर्देशित किया गया कि समस्त जनपद मद के अनुसार निर्धारित धनराशि का सही उपयोग करें तथा समय के साथ धनराशि व्यय करें।

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