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सीएम धामी का दिखा कमाल,बागेश्वर में कर दिया धमाल,दो दिन में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की रणनीति पर फेर दिया पानी

देहरादून। बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी विरोधियों पर इक्कीस साबित हुए हैं। चुनाव के अंतिम दो दिनों में जिस तरह का धुंआधार प्रचार धामी की अगवाई में हुआ उसने चुनाव की तस्वीर बदलकर रख दी। वहीं, जनता ने उपचुनावों के जरिये स्पष्ट संदेश भी दे दिया है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व पर उन्हें पूर्ण भरोसा है और जिन विकासपरक नीतियों के साथ वे आगे बढ़ रहे हैं, उन्हें जनता हाथों हाथ ले रही है।

आपको बता दे कि कांग्रेस की तमाम नेता बागेश्वर में एकजुट होते हुए चुनावी मैदान में नजर आ रहे थे,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस के कई विधायकों ने जमकर बागेश्वर में प्रचार प्रसार किया और भाजपा के खिलाफ मतदान करने की अपील करते हुए भाजपा को हारने का ख्वाब भी देखा,लेकिन जिस तरीके से प्रचार प्रसार के अंतिम दो दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर में डेरा डाला और बागेश्वर की जनता को विकास कार्यों को लेकर उम्मीद जगाई,साथ ही प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं से आम जनता को लाभ के बारे में बताया उससे बागेश्वर की जनता ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान कर दिया।

 

बागेश्वर विधानसभा सीट से धामी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे चंदन राम दास की बीमारी से हुई मृत्यु के बाद यह सीट रिक्त हो गयी थी। भाजपा ने इस सीट पर उनकी पत्नी पार्वती दास को टिकट दिया था। बागेश्वर चुनाव को लेकर शुरू से ही कांग्रेस की ओर से तमाम बड़े दावे और प्रपंच किये गए लेकिन जनता के दिलोदिमाग पर छाई भाजपा और धामी के तिलिस्म को कांग्रेस नहीं तोड़ पाई।

 

 

बागेश्वर सीट पर आई इस जीत के राजनीति के जानकार तमाम मायने बता रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जिस तरह से चुनाव के अंतिम दो दिनों तक मुख्यमंत्री धामी ने गरुड़, बागेश्वर आदि स्थानों पर रोड शो किये और जिस तरह वहां महिलाओं की भीड़ उमड़ी, उसने न केवल धामी की लोकप्रियता को इंगित किया बल्कि चुनावी नतीजों पर भी मुहर लगा दी थी। आज आयी इस जीत ने धामी सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विभिन्न विकासपरक योजनाओं और विकासवादी एजेंडे पर भी मुहर लगाई है। दूसरा इस चुनाव ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की पटकथा भी अभी से लिखनी शुरू कर दी है। यह जीत जनता का भाजपा के प्रति राज्य में रुझान भी दर्शा रही है।

दाएं-बाएं करने वालों को भी मिला संदेश

भाजपा प्रत्याशी की इस जीत ने उन तमाम लोगों के मुँह भी बंद करने का काम किया है जो गाहे बगाहे नेतृत्व परिवर्तन और न जाने कैसे कैसे हवाई दावे गढ़ने लगते हैं। बागेश्वर सीट पर हुई इस जीत का संदेश आज दूर तक गया है। दूसरी ओर, इस जीत ने आलकमान को भी पूरी तरह से आश्वस्त कर दिया है कि 2024 के रण में धामी से बेहतर और कोई नेतृत्वकर्ता नहीं हो सकता।

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