उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर,प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती का मामला पहुंचा हाईकोर्ट,पढ़िए पूरी वजह
देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पदों को भरने को लेकर नई नियमावली शिक्षा विभाग के द्वारा लागू की गई है जिसके तहत 50% प्रधानाचार्य को सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान है तो वहीं 50% पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। लेकिन नई नियमावली का शिक्षक संगठन भी विरोध कर रहा है, राजकीय शिक्षक संगठन जहां पहले ही इस मामले में विरोध दर्ज कर चुका है, कि प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पद पदोन्नति से ही भरे जाएं। वही शिक्षक डाक्टर अंकित जोशी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं,अंकित जोशी का तर्क है की एलटी शिक्षकों को भी प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती में शामिल होने का मौका दिया जाना चाहिए,साथ ही जो प्रवक्ता नॉन बीएड है उनको भी सीधी भर्ती में शामिल होने का अवसर दिया जाना चाहिए।
डॉ० अंकित जोशी ने वर्ष 2022 में ही सचिव विद्यालयी शिक्षा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को इस नियमावली में मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर संशोधन हेतु प्रत्यावेदन हेतु दिया गया था । जिसमें पहला बिंदु था ऐसे प्रवक्ता जो बी एड नहीं हैं उन्हें भी प्रधानाचार्य पद हेतु विभागीय पदोन्नति परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलना चाहिए तथा दूसरा बिंदु एल टी शिक्षकों से संबंधित था । डॉ० जोशी के प्रत्यावेदन के अनुसार एलटी से प्रवक्ता पर पदोन्नति विषय लाभ का पद होता है ऐसी व्यवस्था में एलटी शिक्षकों को विभागीय पदोन्नति परीक्षा के लिए अनर्ह मानना न्यायोचित नहीं है । विषय लाभ के कारण कतिपय विषयों में एलटी का कनिष्ठ शिक्षक तो प्रवक्ता बन जाता है किंतु कुछेक विषयों के वरिष्ठ एलटी शिक्षक संबंधित विषय में प्रवक्ता का पद रिक्त न होने के कारण एलटी में ही बने रहते हैं । ऐसे में एलटी का कनिष्ठ शिक्षक तो इस नियमावली के अनुसार प्रधानाचार्य की विभागीय पदोन्नति परीक्षा हेतु अर्ह है जबकि एलटी का वरिष्ठ शिक्षक अनर्ह । आंकित जोशी का कहना है की उच्च न्यायालय में आज से शीतकालीन अवकाश होने के कारण अवकाश समाप्त होने के उपरांत याचिका पर सुनवाई होगी ।