इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों की बैठक,26 जनवरी से 30 जनवरी तक के कार्यक्रम पर मंथन
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष करन महारा की अध्यक्षता में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों एवं सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित की गई, बैठक में मुख्य रूप से उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत एवं निर्मला बिष्ट , ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवान, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य समर भंडारी, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डा० सत्यनारायण सचान, भारत जोड़ो अभियान के भुवन पाठक , उत्तराखंड इंसानियत मंच के रवि चोपड़ा ,सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह खुशवाहा, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, महेंद्र नेगी, याकूब सिद्दीकी ,नवीन जोशी एवं गरिमा मेहरा दसौनी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान वक्ताओं ने भाजपा सरकारों द्वारा आए दिन की जा रही लोकतंत्र और संविधान की हत्या पर चिंता व्यक्ति । सभी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी को असम के मंदिर में दर्शन हेतु असम सरकार द्वारा रोक लगाने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया ।
बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी एक सुनियोजित रणनीति के तहत देश में स्थापित संस्थाओं को बर्बाद करने पर तुली हुई है । फौज में अग्नि वीर जैसी योजनाओं को लाकर देश की सीमाओं को कमजोर करने की तैयारी की जा रही है। माहरा ने कहा कि आज देश सांप्रदायिकता की आग में झुलस रहा है, धार्मिकता और संप्रदियक्ता के बीच में एक पतली सी रेखा होती है जिसे भाजपा ने तोड़ दिया है।विगत दिवस 22 जनवरी को समूचा देश जिस कार्यक्रम का गवाह बना वह धार्मिक कम राजनीतिक ज्यादा था, और इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए इस कार्यक्रम को आनंद आनंद में किया और कार सेवा के दौरान जिन कार्यकर्ताओं की मृत्यु हो गई थी उनके परिवारों तक की कोई सुध नहीं ली गई। यह इस बात का उदाहरण है कि भारतीय जनता पार्टी कैसे उपयोग करके लोगों को दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंकती है।
सभी साथियों ने इस बात पर एक राय रखी की स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता और प्रखरता से उठाना होगा । जिस तरह से आज प्रदेश का बेरोजगार युवा ,किसान, मजदूर और महिलाएं भाजपा सरकार की कुनीतियों से परेशान है ,उन्हें प्राथमिकता से जनता के बीच में उठाना होगा। वक्ताओं ने कहा की आज के राजनीतिक परिदृश्य में राजनीतिक दलों के साथ-साथ सिविल सोसाइटी के महत्व से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसके तहत रणनीति बनाई गई कि पूरे प्रदेश भर में बृहद प्रदर्शन और आंदोलन किए जाएंगे ,यह भी तय हुआ की 26 जनवरी और 30 जनवरी 2024 को इंडिया गठबंधन और जन संगठन के साथी मिलकर कार्यक्रम करेंगे । सभी साथियों का आपस में मानना था कि इसमें अन्य तबकों के असंतुष्ट लोगों को भी जोड़ा जाएगा बैठक के दौरान कई और जन संगठनों को चिन्हित किया गया जिन्हें आने वाले दिनों में संपर्क किया जाएगा । 26 जनवरी को होने वाले “जन गण मन अभियान” और “जीतेगा भारत हारेगी नफरत” के तहत हर जिले में गणतंत्र दिवस के दिन प्रत्येक स्थान पर होने वाले कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी जाएगी। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि जिले स्तर पर भी जन संगठनों को चिन्हित करके उनके साथ मिलकर इंडिया गठबंधन रोड मैप तैयार करेगी। बैठक के दौरान इस बात पर मोहर लगी की 26 जनवरी को झंडा रोहण के साथ-साथ दोपहर 1:30 बजे अंबेडकर पार्क घंटाघर से लेकर गांधी पार्क तक “जीतेगा भारत हारेगी नफरत” के तहत प्रदर्शन किया जाएगा। वोटर लिस्ट के सत्यापन पर भी चर्चा हुई ,यह बात तय की गई कि जो लोग ज्यादा से ज्यादा समय दे सकते हैं उन्हें कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा । बैठक के दौरान सभी ने एक राय होकर यह बात रखी की शोषित, वंचित और गरीब आम जनता की बातों को प्रमुखता से उठाना होगा ।बैठक में जनता से सत्य के प्रति आग्रह करने का भी विचार हुआ ।सभी ने कहा कि सबके रास्ते और विचार अलग-अलग हो सकते हैं, किसी मुद्दे पर राय भी अलग हो सकती है, लेकिन लक्ष्य सबका एक ही है और वह है सांप्रदायिक और फिरकापरस्त शक्तियों से संविधान को बचाना है, और उसको लेकर सभी ने एक मुट्ठी होकर प्रयास करने हेतु विश्वास जताया।बैठक में यह भी तय हुआ कि महीने में एक बार प्रमुख मुद्दे को लेकर सभी दल मिलकर प्रेस वार्ता करेंगे। बेरोजगारी ,महंगाई महिलाओं पर अत्याचार और किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर दृढ़ता, मजबूती और प्रखरता से मुकाबला करने की बात कही गई। सभी ने कहा की लड़ाई राजनीतिक नहीं है अब यह लड़ाई सामाजिक और सांस्कृतिक हो चुकी है। सभी दलों के बीच में बेहतर समन्वय के लिए शीशपाल सिंह बिष्ट को संयोजक हेतु नियुक्त किया गया।