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शिक्षा महानिदेशक ने ली बैठक,कई बिंदुओं को लेकर निर्देश जारी,13 जिलों में नोडल अधिकारी किए नियुक्त

देहरादून। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक और राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड झरना कमठान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। समीक्षा बैठक समस्त जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से सम्पादित की गयी। महानिदेशक राज्य परियोजना निदेशक महोदया द्वारा अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिये गयेः-

1. शिक्षा विभाग एक संवेदनशील विभाग है इसमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। पठन-पाठन में कोई कोताही नहीं बरती जायेगी।

 

 

2. समय-समय में समीक्षा बैठक आयोजित की जायेगी। जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा समीक्षा में बैठक में प्रतिभाग नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी अधिकारी को किसी अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी के साथ बैठक में सम्मिलित होना है तो राज्य स्तर पर सूचना प्रेषित करें अथवा राज्य परियोजना निदेशक महोदया को दूरभाष पर सूचित किया जाये।

 

 

3. किसी भी विद्यालय का भवन जर्जर अवस्था में न हो जिससे बच्चों को किसी समस्या का सामना करना पड़े। यदि किसी विद्यालय का भवन व्यवस्था के अनुकूल नही है तो जिला योजना के अन्तर्गत जिलाधिकारी से वार्ता कर अनुदान लिया जा सकता है।

 

4. जनपद तथा विकासखण्ड स्तर से विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना अनिवार्य है। साथ ही विद्यालय में शिक्षक पठन-पाठन पर ध्यान दें। मुख्य शिक्षा अधिकारी समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश जारी करें।

 

 

5. सभी विद्यालय एवं कार्यालय आवंटित बजट को खर्च करना सुनिश्चित करें। लक्ष्य निर्धारित कर कार्य की समयसीमा के अन्तर्गत कार्य पूर्ण करें।

 

6. अधिकारियों कर्मचारियों एवं शिक्षकों की उपस्थित शत-प्रतिशत होनी आवश्यक है। किसी भी दशा में कोई भी अधिकारी कर्मचारी एवं शिक्षक कार्यालय विद्यालय न अनुपस्थित न रहें। अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

 

7. प्रत्येक विद्यालय का परीक्षा परिणाम में सुधार किया जाना आवश्यक है। इसके लिए विद्यालयों तथा शिक्षकों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश जारी करें। साथ ही विद्यालयों में योगा शिक्षकों को तैनात करें।

 

8. आंशिक अथवा पूर्ण रूप से ध्वस्त किया जाने वाले विद्यालय भवनों के सन्दर्भ में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा निर्देशित किया गया कि समस्त जनपद तत्काल कार्यदायी संस्था के साथ सम्पर्क स्थापित कर DPR तैयार कराते हुए निदेशालय स्तर पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। यदि समयान्तर्गत कार्य नहीं किया जाता है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की जायेगी।

 

 

9. जनपदों को निर्देशित किया गया कि अतिथि शिक्षकों को तत्काल नियुक्ति प्रदान की जाये। यदि किसी जनपद में आवंटित अतिथि शिक्षकों के अतिरिक्त आवश्यकता है तो तत्काल निदेशालय को अवगत करायें।

 

10. महानिदेशक/राज्य परियोजना निदेशक महोदया द्वारा निर्देशित किया गया कि जिन विद्यालयों में शौचालय का निर्माण नहीं किया जा सकता है उनमें मोबाईल टॉयलेट की व्यवस्था अथवा फैब्रिकेटेड टॉयलेट का निर्माण किया जा सकता है। पेयजल के लिए पेयजल मिशन के साथ वार्ता कर आपूर्ति की जा सकती है। इस सम्बन्ध मंे तत्काल कार्यवाही की जाये।

 

 

 

अंत में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा समस्त प्रतिभागियों को निर्देशित किया गया कि जनपद में चिह्नित C एवं D श्रेणी के विद्यालयों के आगणन तत्काल राज्य स्तर पर उपलब्ध कराये जांये। कार्यदायी संस्था के साथ स्वयं संवाद करते हुए DPR तैयार करवायी जाय। समस्त के0जी0बी0वी0 विद्यालयों का निरीक्षण किया जाय एवं समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाय। मुख्य शिक्षा अधिकारी स्वयं जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी के साथ समन्वयन स्थापित करते हुए विद्यालयी शिक्षा की प्रगति के सम्बन्ध में अवगत करायेंगें। बैठक के दौरान अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ0 मुकुल कुमार सती, कुलदीप गैरोला संयुक्त निदेश पी0एम0 पोषण आशा पैन्यूली, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी प्रदीप कुमार मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून कमला बड़वाल, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय विवेक स्वरूप वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा अजीत भण्डारी उप राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा सहित जनपद स्तरीय अधिकारी वर्चुअली रूप से उपस्थित रहे।

 

वहीं जिला स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को रखने के साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता को रखने को लेकर शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के द्वारा 13 जिलों में 13 अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

 

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