आगामी बजट से व्यापारियों,मध्यम वर्गीय छात्रों, कर्मचारियों और आम जनता की काफी उम्मीदें,राजेंद्र रतूड़ी ने आशाओं को लेकर गिनाई कई वजह
देरादून। आगामी बजट सत्र न केवल देश की आर्थिक दिशा को तय करने का अवसर है,बल्कि यह समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए नीतिगत सुधार और राहत प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। व्यापारियों, मध्यम वर्गीय छात्रों, कर्मचारियों और आम जनमानस को उम्मीद है कि यह बजट उनके जीवन को बेहतर बनाएगा और उनकी जरूरतों को समझते हुए आर्थिक नीतियां प्रस्तुत करेगा। कारगिल युद्ध विजेता एवं उत्तराखंड सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर सेवाएं दे रहे राजेन्द्र रतूड़ी ने आम बजट से जुड़ी आशाओं पर अपने विचार व्यक्त किए है,जो इस प्रकार है।
व्यापारियों के लिए अपेक्षाएं
व्यापारियों के लिए यह बजट सत्र एक बड़ी उम्मीद लेकर आता है।
1. जीएसटी सरलीकरण: व्यापारियों की प्रमुख मांग जीएसटी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है, ताकि छोटे और मध्यम व्यापारियों को राहत मिल सके।
2. सहायता योजनाएं: नए व्यवसायों को बढ़ावा देने और मौजूदा व्यापारियों को सस्ती दर पर ऋण देने की व्यवस्था की अपेक्षा है।
3. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: छोटे व्यापारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
मध्यम वर्गीय छात्रों के लिए
मध्यम वर्गीय छात्र शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद करते हैं।
1. शिक्षा पर निवेश: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए बजट में अधिक धन आवंटित होना चाहिए।
2. छात्रवृत्ति और ऋण सुविधा: मध्यम वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं और आसान शिक्षा ऋण की आवश्यकता है।
3. तकनीकी शिक्षा: नवाचार और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए।
कर्मचारियों के लिए
कर्मचारी वर्ग को आयकर छूट और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार की उम्मीद है।
1. आयकर सीमा बढ़ाना: मध्यम वर्गीय कर्मचारियों को राहत देने के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।
2. पेंशन और बीमा योजनाएं: कर्मचारियों के लिए पेंशन और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का विस्तार करना आवश्यक है।
3. वर्क फ्रॉम होम इंफ्रास्ट्रक्चर: बदलते कामकाजी माहौल को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थल सुधार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
आम जनमानस के लिए
आम जनता के लिए बजट का सीधा संबंध जीवन स्तर को सुधारने और बुनियादी सुविधाओं को सुलभ बनाने से है।
1. स्वास्थ्य और शिक्षा: सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का विस्तार और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार प्राथमिकता होनी चाहिए।
2. रोज़गार के अवसर: युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता है।
3. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनाए रखना एक प्रमुख चुनौती है, जिससे आम जनमानस को राहत मिलेगी।
4. प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण का संरक्षण: नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण के उपायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहिए ताकि भविष्य में पर्यावरणीय संकट से बचा जा सके।
आगामी बजट सत्र समाज के सभी वर्गों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आ सकता है। यह जरूरी है कि सरकार नीतियां बनाते समय व्यापारियों, छात्रों, कर्मचारियों और आम जनता की जरूरतों को प्राथमिकता दे। आर्थिक सुधारों और जनकल्याण योजनाओं के सही संतुलन से यह बजट हर वर्ग के लिए “विकास और समृद्धि” का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।