मौनपालकों के लिए अच्छी खबर,धामी सरकार ने बढ़ाई प्रति मौनबॉक्स राशि
देहरादून। मधुमक्खीपालन योजना (राज्य सैक्टर) के अन्तर्गत पर–परागण हेतु प्रदान की जा रही राजसहायता में वृद्धि के सम्बन्ध में टिप्पणी राज्य में औद्यानिक फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि किये जाने हेतु मौनपालन का विशेष महत्व है। बागानों में मधुमक्खियों द्वारा पारम्परिक रूप से पुष्पन के समय परपरागण में काफी सहयोग किया जाता है, जिसे फसलों के उत्पादन एवं उत्पादक गुणात्मक वृद्धि होती है। वर्ष 2016-17 में अनुमन्य राजसहायता रू0 350/- प्रति मौनबॉक्स निर्धारित की गयी थी, परन्तु विगत 07-08 वर्षों में बढ़ती मंहगाई दर एवं कृषकहितों के दृष्टिगत मधुमक्खीपालन योजनान्तर्गत पर – परागण हेतु प्रदान की जा रही राजसहायता रु.350/- प्रति मौनबॉक्स को बढाकर रु.750/- प्रति मौनबॉक्स किये जाने का प्रस्ताव है।
इससे मुख्य रूप से होने वाले फायदे
1. कृषकों के बागानों में मौनबॉक्स रखे जाने से पुष्पन के समय मधुमक्खियों द्वारा
परपरागण में सहयोग किया जाता है ।
2. कृषकों की फसलों (मुख्य रूप से सेब एवं लीची) के उत्पादन एवं उत्पादकता
गुणात्मक वृद्धि होती है।
3. कृषकों को फसलों के उत्पादन एवं उत्पाकता में वृद्धि के साथ – साथ शहद उत्पादन
भी किया जाता है, जिससे उनको अतिरिक्त आय का साधन प्राप्त होता है ।
4. मौनबॉक्स राजसहायता पर दिये जाने से कृषकों का व्ययभार कम होता है, जिससे
कृषक समृद्ध होता है।
5. साथ ही राज्य के मौनपालकों में मौनपालन एवं शहद उत्पादन के प्रति रूझान बना
रहता है।
6. मौनपालन से भूमिहीन नवयुवाओं / मौनपालकों को प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार
का सृजन होता है।
7. कृषकों, भूमिहीन नवयुवाओं एवं मौनपालकों की आय में वृद्धि होती है।