एलटी के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को मोहित डिमरी ने दिया समर्थन,नियुक्ति न मिलने से युवाओं में आक्रोश
देहरादून। सहायक अध्यापक के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। इससे नाराज अभ्यर्थी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। इस मौके पर मूल निवास, भू-कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने धरना स्थल पहुँचकर चयनित अभ्यर्थियों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण आज स्कूलों में ताले लटक रहे हैं। प्रवक्ता और सहायक अध्यापक के पांच हजार से अधिक पद खाली पड़े हुए हैं। इसके बावजूद एलटी पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों को सरकार नियुक्ति नहीं दे रही।
इस मौके पर मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार और शिक्षा महकमे की घोर लापरवाही के कारण अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। मामला हाईकोर्ट में लंबित है। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के लिए सरकार की ओर से महाधिवक्ता को नहीं भेजा जा रहा है। जबकि शिक्षा मंत्री कह रहे हैं कि हाईकोर्ट में पैरवी की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में भी पैरवी की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने हाल ही में हुए विधानसभा सत्र में कहा था कि एक माह के भीतर सभी एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन तीन माह का समय होने को है। उन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि कई सालों की मेहनत के बाद अभ्यर्थियों का सहायक अध्यापक के पद के लिए चयन हुआ है। इनमें कुछ ऐसे भी अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने पीएचडी और नेट कोलिफाई किया है। दिन-रात पढ़ने के बाद अब अभ्यर्थियों को सरकार की लापरवाही के कारण धरने पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ धरना दे रही हैं और कुछ ने अपने छोटे-छोटे बच्चे घर पर छोड़े हैं।
यूकेएसएसएससी से चयनित होने के बाद उन्हें नियुक्ति की उम्मीद थी, लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू न होने से अभ्यर्थियों का सिस्टम से भरोसा उठने लगा है।
मोहित डिमरी ने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि उनके इस संघर्ष में वह उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिना लड़े और संघर्ष के हमें कुछ नहीं मिला है। जब तक नियुक्ति नहीं हो जाती, संघर्ष जारी रखें।
दरअसल, 1371 सहायक अध्यापक के पद पर चयनित युवाओं की नियुक्ति प्रक्रिया विभाग से शुरू होने जा रही थी, किंतु नैनीताल हाईकोर्ट की रोक के बाद अब प्रक्रिया रुक गई है। इससे परेशान युवा अब नियुक्ति की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं।