उत्तराखंड से बड़ी खबर,त्रिवेंद्र सरकार ने पुनर्नियुक्ति पाने की प्रथा पर ब्रेक लगाने का किया ऐलान,प्रदेश हित में सीएम का बड़ा निणर्य
देहरादून। उत्तराखंड कि त्रिवेंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद पुनर्नियुक्ति की प्रथा पर पूरे तरह से रोक लागाने का मन बना दिया है। इसके लिए मुख्य सचिव की ओर से आदेश भी जारी कर दिए गए है। आदेश के मुताबिक किसी भी विभाग में यदि कोई रिटायरमेंट कर्मचारी पुनर्नियुक्ति लेता है,तो विभाग इसका लेकर प्रमाण पत्र देगा कि रिटायरमेंट कर्मचारी के पद पर विभाग में कोई काम नहीं कर सकता है । यही वह नियम है जिसके आधार पर अब उत्तराखंड में किसी भी रिटायरमेंट कर्मचारी को पुनर्नियुक्ति आसान नहीं होगा। क्योंकि यदि कोई रिटायमेंट कर्मचारी पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन करता है तो विभाग आसानी से प्रमाण पत्र देगा नहीं कि, उनके विभाग में दूसरा काई कर्मचारी पुनर्नियुक्ति लेने वाले कर्मचारी का काम नहीं कर सकता है ।
मुख्य सचिव के द्धारा जारी किए गए आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि विभागों में नियमित चयन की प्रक्रिया के बाद भी पुनर्नियुक्ति के प्रस्ताव आ रहे है। आदेश में पुनर्नियुक्ति पाएं कार्मिकों से वित्तिय भार पड़ने का भी हवाला दिया है। जिन विभागों में विभागाध्यक्ष,अपर विभागाध्यक्ष के पद पूर्णतः भरे हो उन निभागों में पुनर्नियुक्ति किसी भी दशा में नहीं की जाएगी। आदेश में यहीं भी कहा गया है कि जिन विभाग में विशिष्ट कार्यों के सम्पादन के लिए पुनर्नियुक्ति की गई है,ऐसे कार्मिकों को विभाग में दूसरे कार्मिकों को 6 माह में प्रशिक्षित करना होगा। कुल मिलाकर त्रिवेंद्र सरकार ने पुनर्नियुक्ति को लेकर जो एक्शन लिया है,उसे साफ है कि प्रदेश में अब तक पुनर्नियुक्ति को लेकर जो खेल चलता आया है,उस पर जरूर लगाम लग जाएगा।