उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर,निदेशक के आदेश पर शिक्षक संगठन ने जताया आक्रोश
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर है जी हां उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संगठन ने शिक्षा निदेशक के उस आदेश के खिलाफ कड़ा ऐतराज व्यक्त किया है। जिसमें शिक्षा विभाग के द्वारा प्रारंभिक शिक्षा संवर्ग के विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को निर्देश जारी करते हुए स्वयं के शैक्षिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड, विश्वविद्यालय या संस्थान से स्वयं कराते हुए सत्यापन आंख्या अभिलंब जनपद कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। यानी शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को जिन बोर्ड से या विश्वविद्यालय या संस्थान से पढ़ाई डिग्री या प्रशिक्षण लिया है,उन जगहों पर जाकर स्वयं के प्रमाणपत्रों को सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। जिसका प्राथमिक शिक्षक संगठन ने विरोध दर्ज कर दिया है। हालांकि शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में उच्च न्यायालय के उस आदेश का जिक्र किया है जिसके तहत फर्जी प्रमाण पत्रों पर चल रही सुनवाई के दौरान शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने का आदेश सुनाया गया है । लेकिन प्राथमिक शिक्षक संगठन का कहना है कि शिक्षकों के द्वारा तीन – तीन सेट स्वप्रमाणित छाया प्रतियां की कॉपी उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करा दी गई है। उसके बावजूद भी शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के प्रमाण पत्र मांगे हैं।
संगठन ने जताया विरोध,विभाग को दी चेतावनी
प्राथमिक शिक्षक संगठन के द्वारा शिक्षा महानिदेशक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि संगठन का मानना है कि प्रमाण पत्रों की जांच व सत्यापन विभाग द्वारा ही किया जाना चाहिए और अच्छा होगा कि यह कार्य नियुक्ति के समय ही किया जाए। वर्तमान में शिक्षकों के द्वारा अपने समस्त प्रमाण पत्र उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा चुके हैं। यदि विभाग को शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना है तो विभागीय स्तर पर ही यह कार्य किया जाय। शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव ना बनाया जाए यदि। 27 अक्टूबर 2020 के पत्र यानी आज जो पत्र शिक्षक संगठन ने दिया है उस पर विचार नहीं किया जाता है तो शिक्षक संगठन इसका पुरजोर विरोध करेगा और इस कारण कार्य बाधित होगा तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी । शिक्षक संगठन का साथ ही यह भी कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय ने ऐसा कोई आदेश निर्गत नहीं किया है जिसमें शिक्षकों को शैक्षणिक संस्थानों में जाकर खुद के प्रमाण पत्र सत्यापन करने की बात कही हो।