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त्रिवेंद्र सरकार ने पलटा हरीश सरकार का फैसला,हरीश रावत ने दी बधाई

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को न चाहते हुए भी एक बार फिर मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की तरीफ करनी पड़ी है। मामला करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा नदी से जुड़ा हुआ है। त्रिवेन्द्र सरकार ने पूववर्ती हरीश सरकार के हरिद्वार में गंगा को एस्केप चैनल घोषित करने के फैसले को पलट दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के कार्यों की सराहना करते आये हैं। वह भले ही रोजाना त्रिवेन्द्र सरकार पर निशाना साधते हों लेकिन जब भी त्रिवेन्द्र जनहित व जनभावनाओं से जुड़े फैसले बेधड़क लेते हैं तो हरीश भी खुद को उनकी तरीफ करने से रोक नहीं पाते।

रविवार को मुख्यमँत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में गंगा को एस्केप चैनल बताये जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अखाड़ा परिषद के संतों और गंगा सभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद सरकार ने एस्केप चैनल के अध्यादेश को निरस्त करने के निर्देश दिए। दरअसल, प्रदेश में तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने 2016 में भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया था। इसका मतलब था कि यह धारा एक नहर है जो गंगा में अतिरिक्त पानी की निकासी के काम आती है। हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित पिछले लंबे समय से अध्यादेश को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। अपनी मांग को मनाने के लिए तीर्थ पुरोहित गंगा के सम्मान के लिए पिछले 61 दिन से आंदोलन कर हरकी पैड़ी पर धरना दे रहे थे। कुछ महीने पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार जाकर इस अध्यादेश को लेकर अपनी गलती स्वीकार की थी। उन्होंने साधु संतों से लिखित में माफी भी मांगी थी। तब उन्होंने कहा था कि उनकी गलती को त्रिवेंद्र सरकार चाहे तो सुधार सकती है। अब जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरीश सरकार की गलती सुधार चुके हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट के जरिए इसे सीएम त्रिवेन्द्र का सही फैसला मानते हुए अखाड़ा परिषद और गंगा सभा को बधाई दी है। इससे पहले भी हरीश कई बार सीएम त्रिवेन्द्र की तरीफ कर चुके हैं। सबसे पहले हरीश ने कहा था कि सीएम त्रिवेन्द्र ने ऐसे मंत्रियों की पर लगाम कसी है जो मेरे कार्यकाल में मनमानी किया करते थे। उन्होंने उपनल के जरिए गैर सैनिक पृष्ठभूमि के बेरोजगारों को भी नौकरी देने व उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों को तमाम रियायतें देने के सीएम त्रिवेन्द्र के फैसलों को भी सार्वजनिक मंच से सराहा था।

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