उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड में स्कूल बैग पॉलिसी लागू,बैग तोलने के लिए स्कूल में लगेगी मशीन

देहरादून । उत्तराखंड ने भी स्कूली छात्रों के लिए केंद्रीय केंद्रीय बैग पालिसी लागू कर दी। इसके तहत कक्षावार स्कूल बैग का वजन तय कर दिया गया है। प्री-प्राइमरी कक्षाओं में स्कूल बैग प्रतिबंधित रहेगा। संयुक्त निदेशक बीएस नेगी ने इस बाबत सभी सीईओ को निर्देश जारी कर दिए। बैग के वजन के साथ ही स्कूलों में बैगलेस डे मनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस पहलू पर विशेष जोर दिया गया कि छात्र किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हासिल करें। बिना बैग के स्कूल आने पर उन्हें खेल, संस्कृति आदि से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ा जाए। पहली कक्षा के छात्रों के लिए केवल तीन किताबों का प्रावधान किया गया है। जबकि 12 वीं कक्षा के छात्र के बैग में अधिकतम छह किताबें ही हो सकती हैं।


होमवर्क लिए भी मानक तय किया गया है।

इसके अनुसार दूसरी कक्षा तक होमवर्क मुक्त पढ़ाई होगी। जबकि कक्षा तीन से छठी तक हर हफ्ते महज दो घंटे और कक्षा छह से आठ तक के प्रतिदिन एक घंटे का होमवर्क दिया जा सकता है। नौ से 12 वीं कक्षा के लिए मानक कुछ बढ़ाया गया है। इसके अनुसार दो घंटे तक होमवर्क दिया जा सकता है। मालूम हो कि उत्तराखंड ने पिछले साल अप्रैल में बैग का वजन तय कर दिया था। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता के लिए विशेषज्ञों से नई नीति तय कराई थी। इसे सभी राज्यों को भेजा गया है।

बैग तोलने की लगेगी मशीन

बस्ते का वजह नापने के लिए स्कूल में तौल मशीन भी लगाई जाएगी। बैग पालिसी के अनुसार पहली कक्षा के छात्र के बैग का वजन पहली कक्षा: 1.6 से 2.2 किलोग्राम होना चाहिए। जबकि 12 वीं कक्षा: 3.5 से 5.0 किलोग्राम। एक मानक अनुपात के अनुसार छात्र के वजह का केवल 10 प्रतिशत ही बैग का वजन होना चाहिए। किताब-कापियों पर वजन दर्ज करने की व्यवस्था भी लागू की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!