Sunday, November 24, 2024
Latest:
देहरादून

लॉक डाउन के बीच मैठाणी परिवार ने शुरू की”कुट्यारी स्वाभिमान की” शुरुआत की,जरूरतमंद लोगों का बन रहे है सहारा

देहरादून । यूँ तो हर वर्ष समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी हर वर्ष अपनी दोनों बेटियों मनस्विनी मैठाणी और यशस्विनी मैठाणी को साथ लेकर सर्दियों में गरीब असहायों के लिए उनके घर-घर जाकर गरम कपड़े अपने हाथों से पहनाते हैं । इसी वर्ष 2020 में फरवरी तक उन्होंने देहरादून से लेकर भारत चीन सीमा से सटे गांवों तक 7 हजार 142 लोगों को गर्म कपड़े व कम्बलें बाटें व पहनाए थे । जिसमें स्वयं सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी इस परिवार के हाथों अपनी ओर से व्यक्तिगत मदद पहाड़ में लोगों तक पहुंचाई थी । लेकिन अब एक बार फिर से मैठाणी परिवार मुसीबत की घड़ी में जरूरत परिवारों की मदद के लिए आगे आ गया है । इस बार पूरी दुनियां में महामारी का रूप ले चुकी “कोरोना वायरस” की बीमारी के बीच लॉक डाऊन की स्थिति में उन्होंने स्वयं अपने ओर से एक और रचनात्मक शुरुआत गरीब व मजदूर परिवारों को मदद पहुंचाने के एवज में शुरू कर दी है । समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि उनकी यह मदद ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है परन्तु उन्होंने जहां तक संभव हो समाज में अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया है, और इसकी शुरुआत आज से कर दी गई है । मैठाणी ने बताया कि आज उन्होंने 20 परिवारों के लिए 4 दिन की राशन उपलब्ध कराने से की है । उन्होंने बताया कि इस मुहिम को समौण में “कुट्यारी स्वाभिमान की” नाम दिया गया है । पहाड़ में कुट्यारी मतलब एक पोटली से होता है । इस पोटली के अंदर एक परिवार के लिए 3 किलो आटा व ढ़ाई किलो चावल, के अलावा मसाले, नमक, चीनी, गुड़, तेल, मिल्क पाऊडर, दलिया, नहाने व कपड़े धोने के साबुन , माचिस, मोमबत्ती आदि पैकेट में रखे गए हैं । शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि इस मुहिम में वह अपनी दोनों बेटियों को साथ नहीं ले जाएंगे, क्योंकि मेरी जिम्मेदारी उन्हें भी कोरोना के संक्रमण से बचाने की भी है । नन्ही समाजसेवी मनस्विनी मैठाणी व यशस्विनी मैठाणी को इस बात का मलाल है कि वह अपने पापा के साथ इस बार इस सेवा कार्य में घर से बाहर नहीं जा पाएंगी । परन्तु यह दोनों बेटियां घर में जरूरतमंद लोगों के लिए बराबर मात्रा में राशन की कुट्यारी (पोटली) बनाने में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहीं हैं ।शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की घोषणा का सम्मान करते हुए पूरे कायदे कानूनों का पालन करते हुए ही घर से बाहर मदद करने जाएंगे । वह बिना प्रशासन की अनुमति के नहीं जाएंगे । इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि मैंने राज्य सरकार से भी आग्रह किया है कि इस बीच सरकार किसी भी सोशल मिशन में उन्हें जिम्मेदारी देगी तो उन्हें खुशी होगी । शशि भूषण ने यह भी बताया कि यदि उन्हें सरकार के सेवा कार्य में शामिल किया जाता है तो वह अपनी गाड़ी व उसमें तेल का खर्चा स्वयं वहन करेंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!