उत्तराखंड के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में इस वर्ष मात्र कक्षा 6 में ही होगी इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई,आदेश हुआ जारी,उठ रहे है कई सवाल
देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के प्रयासों से प्रत्येक ब्लॉक में दो अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत कई इंटर कॉलेजों को सीबीएसई बोर्ड से अटल उत्कृष्ट विद्यालय की मान्यता भी मिल चुकी है लेकिन शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के द्वारा आज एक आदेश जारी किया गया है। जिसको लेकर शिक्षा विभाग में बहस शुरू हो गई है कि आखिर जब अटल उत्कृष्ट विद्यालय की मान्यता कक्षा 6 से लेकर 12 तक के लिए 5 साल के लिए ली गई है तो फिर स्कूल में एडमिशन कक्षा 6 के छात्रों के लिए ही क्यों अंग्रेजी माध्यम में कराए जाएंगे । शिक्षा निदेशक आरके कुमार के द्वारा जारी किए गए आदेश में कक्षा 6 में छात्र छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रवेश दिए जाने की अपेक्षा की गई है,शासनादेश संख्या के साथ ही शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने यह भी लिखा है कि 15 अप्रैल से नवीन शिक्षा सत्र आरंभ होने जा रहा है इस संबंध में उन्हें का कहने का यह निर्देश हुआ है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयनित विद्यालय में कक्षा 6 में छात्र छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन हेतु प्रवेश की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सबसे बड़ा सवाल ऐसे में यह खड़ा हो रहा है कि जब इस साल कक्षा 6 में ही अटल उत्कृष्ट विद्यालय में एडमिशन होंगे तो फिर सीबीएसई बोर्ड से मान्यता जो सात क्लासों के लिए ली गई है यानी कि कक्षा 6 से लेकर 12 तक के लिए ली गई है वह क्यों ली गई दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि जब इस वर्ष कक्षा 6 के छात्रों को ही इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कराई जाएगी तो कल जाकर उत्तराखंड के 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालय में छात्र सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देंगे क्योंकि अगर इस वर्ष कक्षा 6 के छात्रों की पढ़ाई सीबीएसई माध्यम से होती है तो फिर 4 साल बाद दसवीं कक्षा में पहुंचने छात्र सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देंगे और 12वीं पहुंचते-पहुंचते 6 साल लग जाएंगे जब छात्र सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देंगे सवाल इस बात को लेकर भी है कि सीबीएसई बोर्ड में परीक्षा देने से पहले रजिस्ट्रेशन 1 साल पहले कराया जाता है यानी कि अगर इस साल नवी और ग्यारहवीं के छात्रों के रजिस्ट्रेशन होंगे तब ही अगले साल बोर्ड परीक्षाएं सीबीएसई पेटर्न की छात्र देंगे और यदि इस साल रजिस्ट्रेशन नहीं होता है तो अगले साल भी सीबीएससी बोर्ड परीक्षा का हिस्सा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के छात्र नहीं होंगे जिससे यह कहा जा सकता है कि जिस उद्देश्य के साथ और जिस तेजी के साथ स्कूल खुले थे उस उद्देश्य से शुरू में ही भटकते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि जब मान्यता कक्षा 6 से 12 तक के लिए ली गई है तो फिर शिक्षा विभाग क्यों सीबीएसई पैटर्न को सभी कक्षाओं में शुरू नहीं कराता सवाल कई हैं लेकिन जवाब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को भी देना होगा और शिक्षा विभाग को भी देना होगा कि आखिर जिस उद्देश्य के साथ यह स्कूल खुलने जा रहे हैं क्या वह पहले साल से ही उसमें खरा उतरेंगे या फिर सालों उस उद्देश्य को पूरा करने में लगेंगे। जिस तरीके से आज आदेश निकाला गया उससे तो यही लगता है कि अब उत्तराखंड के 190 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को मान्यता सीबीएसई बोर्ड से मिल जाएगी, लेकिन स्कूलों के छात्र बोर्ड परीक्षा उत्तराखंड बोर्ड के माध्यम से ही आने वाले सालों में क्या पास करते रहेंगे।