उत्तराखंड शिक्षा विभाग के लिए दुःखद खबर,कोविड ड्यूटी कर रहे शिक्षक की कोरोना से मौत,क्या शिक्षा मंत्री लेंगे संज्ञान

टिहरी : भिलंगना प्रखंड के ग्राम कोट पट्टी ग्यारह गाँव हिंदाव में रा.प्र.वी में कार्यरत सहायक अध्यापक धीरजमणि नैथानी का रविवार को कोरोना संक्रमण के चलते आकस्मिक निधन हो गया। जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है व इस घटना से शिक्षक जगत स्तब्ध है। वहीं क्षेत्र के राजनैतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा गहरा दुःख व्यक्त किया व परिजनों को इस दुःख की घडी में शक्ति प्रदान करने व मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। 

परिजनों व ग्रामीणों के अनुसार सहायक अध्यापक धीरजमणि नैथानी कोविड-19 की ड्यूटी पर थे व शासन-प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुपालना हेतु घर लौटे हुए प्रवासियों को क्वारंटइन करने से लेकर कोरोना संक्रमण के प्रति ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरुकता अभियान चला रहे थे। जिसके बाद वे स्वयं संक्रमित हो गए व रविवार को कोरोना से जिंदगी की जंग हर गए। धीरजमणि नैथानी अपने पीछे वृद्ध माता, पत्नी तथा दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की शासन व प्रशासन को मृतक धीरजमणि नैथानी को फरंट लाइन वर्कर (कोरोना वारियर) मानकर परिवार की मदद के लिए आगे आना चाहिए ताकि परिवार का पालन पोषण हो सके। परिवार के लिए चिंता का विषय यह है कि धीरज मणि नैथानी शिक्षामित्र के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे जिससे ना तो वह फ्रंटलाइन वर्कर में गिने जाएंगे और ना ही उनके निधन पर कोई आर्थिक सहायता राज्य सरकार से उनके परिजनों को प्राप्त हो पाएगी।

ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर क्या शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इस मामले का संज्ञान लेते हैं, जो कि कुछ दिन पहले उन्होंने ठीक इसी तरह पीआरडी जवान के निधन पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर कोविड-19 में ड्यूटी कर रहे पीआरडी जवानों को फ्रंटलाइन वर्कर के साथ यदि किसी पीआरडी जवान की कोविड सेंटर में ड्यूटी करने के दौरान मृत्यु होती है तो उसके परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया और उनके परिजनों को नौकरी देने की बात कही थी,ऐसे में क्या जो शिक्षामित्र इस समय कोविड में ड्यूटी कर रहे हैं तो क्या उनको भी फ्रंटलाइन वर्कर माना जाएगा और यदि किसी शिक्षामित्र की मृत्यु कोविड ड्यूटी के दौरान मौत होती है,तो क्या उनके परिजनों को आर्थिक सहायता और परिजनों को नौकरी की मांग शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री से करेंगे।

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