उत्तराखंड से बड़ी खबर

उत्तराखंड से बड़ी खबर,गोल्डन कार्ड स्कीम कर्मचारियों के लिए हो सकती है बंद,चिकित्सापूर्ति के लिए पुरानी व्यवस्था होगी बहाल

देहरादून।  गोल्डन कार्ड में व्याप्त खामियों को दुरूस्त न किये जाने तथा अनवरत की जा रही अंशदान की कटौती को रोके जाने के सम्बन्ध में आज सचिवालय संघ की कार्यकारिणी द्वारा मुखर होकर सचिव, वित्त एवं चिकित्सा स्वास्थ्य अमित नेगी से मिलकर अपना आक्रोश व्यक्त किया गया। गोल्डन कार्ड को कार्मिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप दुरूस्त न किये जाने से नाराज सचिवालय संघ द्वारा गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं के कारण कार्मिकों के अंशदान की कटौती को तत्काल रोके जाने की एकसूत्रीय मांग सचिव के समक्ष रखी गयी। सचिव, वित्त के साथ हुई बैठक के सम्बन्ध में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया है कि सचिव, स्वास्थ्य एवं वित्त अमित नेगी द्वारा गोल्डन कार्ड में व्याप्त कमियों के निराकरण हेतु राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा भेजे गये संशोधन प्रस्ताव को स्वीकार करने में शासन की असमर्थता बतायी गयी है, गोल्डन कार्ड की खामियों पर किसी भी प्रकार का संशोधन करने पर असमर्थता जताये जाने के बाद सचिवालय संघ द्वारा कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों हेतु सफेद हाथी साबित हो चुकी इस योजना को ऐसी परिस्थितियों में तत्काल बन्द करने तथा इस एवज में कार्मिकों से माह जनवरी, 2021 से अनवरत की गयी अंशदान की कटौती की सम्पूर्ण धनराशि को कार्मिकों एवं पेंशनर्स के बैंक खातों में तत्काल वापस करने तथा चिकित्सा प्रतिपूति की पूर्व व्यवस्था को तत्काल बहाल करते हुये बजट की व्यवस्था सुसंगत मदों में सुलभ कराये जाने की बात प्रमुखता से रखी गयी।

साथ ही साथ संघ की ओर से जनवरी, 2021 से अब तक कार्मिकों द्वारा कराये गये उपचार पर हुये व्यय से सम्बन्धित चिकित्सा दावों को प्रतिपूर्ति हेतु स्वीकार करने का मुद्दा रखा गया। संघ की ओर से अवगत कराया गया है कि सचिव, वित्त एवं स्वास्थ्य श्री अमित नेगी जी द्वारा संघ को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक में कार्मिकों द्वारा इस रूप में अस्वीकार की जा रही तथा धरातल पर फेल हो चुकी इस गोल्डन कार्ड योजना को पूर्ण रूप से बन्द करने पर निर्णय ले लिया जायेगा तथा चिकित्सा प्रतिपूति की पूर्व व्यवस्था को बहाल करते हुये जनवरी, 2021 से गोल्डन कार्ड के एवज में की गयी कटौती की समस्त धनराशि सम्बन्धित कार्मिकों एवं पेंशनर्स को वापस कर दी जायेगी। साथ ही साथ 01 जनवरी, 2021 के बाद के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बीजकों की स्वीकार्यता कराये जाने का प्रस्ताव भी मंत्रिमण्डल के समक्ष समेकित रूप से रखा जायेगा।

सचिवालय संघ के अध्यक्ष द्वारा बैठक के बाद अवगत कराया गया है कि जब गोल्डन कार्ड को सचिवालय तथा प्रदेश कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों की अपेक्षाओं तथा चिकित्सा सुविधाओं के अनुरूप दुरूस्त किये जाने में स्वास्थ्य विभाग व वित्त विभाग सक्षम नहीं हो पा रहे हैं तथा बडे चिकित्सालयों को अच्छी दरों (CGHS) पर चिकित्सा उपचार हेतु सूचीबद्ध करने पर शासन के उच्चाधिकारियों को एतराज है, तो ऐसी दशा में इस योजना को इस रूप में स्वीकार न कर बन्द कराया जाना ही कार्मिकों व पेंशनर्स के हित में श्रेयष्कर है।

सचिवालय संघ की ओर से अध्यक्ष एवं महासचिव द्वारा अवगत कराया गया कि सचिवालय सेवा संवर्ग के समस्त गोल्डन कार्ड को जमा कराये जाने के बाद इन्हें एकमुश्त राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में वापस कराये जाने का दबाव काम आया तथा सचिवालय संघ, सचिवालय सहित प्रदेश के समस्त कार्मिकों व पेंशनर्स के अंशदान की कटौती को रिफन्ड कराने में सफल हुआ है, जिसके लिये सम्पूर्ण कार्यकारिणी एवं सचिवालय सेवा संवर्ग के सभी सदस्यगण बधाई के पात्र हैं। आज सचिव, वित्त एवं स्वास्थ्य से संघ की कार्यकारिणी की तरफ से अध्यक्ष के अतिरिक्त उपाध्यक्ष सुनील लखेडा, महासचिव  विमल जोशी, कोषाध्यक्ष  बची सिंह, सलाहकार रीता कौल, सदस्य  अनिल प्रकाश उनियाल, किशन असवाल,  उमेश कुमार, तुलसी प्रसाद पचौली एवं  बलवन्त सिंह भाकुनी आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!