उत्तराखंड से बड़ी खबर

इंद्रा हृदेश के निधन से शिक्षक को लगा गहरा आघात,शिक्षक संगठन व्यक्त कर रहें हैं अपनी संवेदनाए

देहरादून । नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदेश के निधन से उत्तराखंड में शोक की लहर हर कोई इंदिरा की इस तरीके से चले जाने का भले ही विश्वास न कर पा रहा लेकिन यह सत्य है कि आज उत्तराखंड की आयरन लेडी इस दुनिया को छोड़ कर चली गई है, इंदिरा के जाने से न केवल कांग्रेस के लिए ही एक बड़ी क्षति है बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है क्योंकि संसदीय परंपराओं का ज्ञान और आम लोगों की मांगों को किस तरीके से समाधान निकाला जा सकता था यह इंद्रा हृदेश को भली-भांति पता था। इंदिरा के निधन से कर्मचारी संगठनों को भी गहरा आघात पहुंचा है क्योंकि कर्मचारियों की बातों को इंदिरा हृदेश विपक्ष में होते हुए बड़ी बेबाकी से उठाती थी,और सत्ता में रहते हुए कर्मचारियों की मांगों को बड़ी आसानी से पूरा भी कर देती थी, उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ जनपद देहरादून द्वारा भी इंदिरा हृदेश को भावुक श्रद्धांजलि दी है, संगठन ने अपनी संवेदनायें व्यक्त करते हुए लिखा है उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ की संरक्षिका एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदेश का आकस्मिक निधन समस्त शिक्षा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है, उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ जनपद देहरादून के समस्त शिक्षक परिवार डॉक्टर इंदिरा हृदेश के आकस्मिक निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं सद्गति प्रदान करते अपने चरणों में स्थान दें। उनके शोक संतप्त परिवार को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें शिक्षक संगठन इंद्रा हृदेश को श्रद्धांजलि अर्पित करतें हैं। वहीं उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संगठन ने भी इंदिरा हृदय के निधन को प्रदेश के लिए बड़ी क्षति बताएं।उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संगठन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने इंदिरा हृदेश के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि इंद्रा हिरदेश का चले जाना उत्तराखंड के लिए बड़ी क्षति वही राजकीय शिक्षक संगठन ने भी इंद्रा हिरदेश के निधन पर शोक व्यक्त किया है संगठन के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी का कहना है कि विधानसभा के भीतर शिक्षकों की मांगों को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए इंद्रा हिरदेश को हमेशा शिक्षक संगठन याद करता रहेगा उनके निधन से उत्तराखंड को क्षति पहुंचने के साथ ही शिक्षकों के लिए भी क्षति पहुंची है।

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