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कोरोना मरीज़ो को कोविड वार्ड में जूस पिलाना ABVP कार्यकर्ताओं को पड़ सकता है महंगा,कांग्रेस ने दण्डात्मक कार्यवाही की सीएम से की मांग

देहरादून। कोविड-19 का पालन करने के लिए जहां सरकार आम जनता से लगातार अपील कर रही है। वही सरकार की इन अपीलों का बीजेपी के अनुषांगिक संगठन एबीवीपी पर ही कोई असर नहीं पड़ रहा है जी हां जिस कोविड वार्ड में मरीजों से मिलने को किसी को इजाजत नहीं होती उसी कोविड वार्ड में एबीवीपी के कार्यकर्ता मरीजों का मास्क हटाकर उन्हें जूस पिलाते हुए नजर आ रहे हैं, यह पूरा मामला दून मेडिकल कॉलेज का है जहां एबीपीपी के कार्यकर्ता कोविड वार्ड में जाकर समाज सेवा करने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन जिस तरीके से कोविड 19 गाइड लाइनों का पालन हर किसी को करना चाहिए उसके हिसाब से यह समाज सेवा किसी की पर भी भारी पड़ सकती है,लापरवाही दून मेडिकल कॉलेज की भी है,कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं को कोविड वार्ड जाने दिया जा रहा है।

कांग्रेस ने की करवाई की मांग

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने प्रदेश सरकार का ध्यान इस अजीबोगरीब घटनाक्रम की तरफ आकर्षित करते हुए कहा की एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा दून चिकित्सालय के covid वार्ड में जाकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों से बातचीत करते हुए वीडियो सामने आया है , ना सिर्फ बातचीत बल्कि मरीजों का मास्क हटाकर उनको जूस पिलाते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ता देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं कोविद वार्ड जो कि एक आइसोलेशन वार्ड है और किसी को भी बिना परमिशन आवाजाही की इजाजत नहीं है ऐसे में एबीवीपी के लड़कों के द्वारा अंदर जबरदस्त फोटो सेशन भी कराया जाता है।।दसोनी ने इस पूरे प्रकरण की निंदा करते हुए कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं का यह कृत्य ना केवल भृतस्नीय है बल्कि कोविद गाइडलाइंस का भी खुला उल्लंघन है। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि तुरंत इसका संज्ञान लेते हुए जो भी लोग इसमें संलिप्त है उन पर दंडनात्मक कार्यवाही की जाए । दसोनी ने अस्पताल प्रबंधन पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि आखिर कोविड मरीजों को और वार्ड को अस्पताल प्रबंधन ने किसके भरोसे छोड़ा हुआ है?? क्यों कोई उस बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र में निगरानी के लिए तैनात नहीं किया गया?? दसोनी ने कहा कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सीधे-सीधे मरीजों की जिंदगी और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है जिसकी इजाजत कतई नहीं दी जा सकती। दसोनी ने भाजपा के संगठन से भी निवेदन किया कि वह अपने अति उत्साही कार्यकर्ताओं पर लगाम लगाएं और उन्हें अच्छे बुरे की समझ कराएं। दसोनी ने कहा कि श्रेय लेने की होड़ में भाजपा के कार्यकर्ता राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे नाजुक दौर में जब हर आदमी को विवेक से काम लेना है और राज्य सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ है तो फिर आखिर इस कृत्य को अंजाम देने के लिए एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को किस का संरक्षण प्राप्त है। दसोनी ने सूबे के मुखिया जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी है उनसे तुरंत इस प्रकरण का संज्ञान लेने और कार्यवाही करने का निवेदन किया।

 

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