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उत्तराखंड में निकायों के बाद 12 जिलों के पंचायत भी प्रशासकों के हवाले,कांग्रेस उठा रही है सवाल तो बीजेपी ने स्थिति की स्पष्ट

देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्रदेश में जहां निकाय चुनाव पिछले 1 साल से डालने का काम कर रही है और 1 साल बाद भी यह स्थिति तय नहीं हुई है कि निकाय चुनाव कब होंगे तो वहीं पंचायत चुनाव भी अब समय पर प्रदेश में नहीं होंगे क्योंकि पंचायत में सरकार के द्वारा प्रशंसकों की नियुक्ति कर दी गई है हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत में प्रशासक नियुक्त किए जाने का आदेश सरकार के द्वारा जारी कर दिया गया है जिसको लेकर सियासत भी देखने को मिल रही है कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है की सरकार समय पर ना तो निकाय चुनाव कर पाई और अब पंचायत चुनाव भी समय पर नहीं होंगे,भाजपा सरकार निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में भाजपा का हार का डर सता रहा है, इसलिए चुनाव को बेवजह लटकाने का काम किया जा रहा है।

 

 कांग्रेस जहां सरकार पर निकाय चुनाव समय पर न करने का आरोप लगा रही है, तो वहीं धामी सरकार में मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि विपक्ष बेवजह आरोप लगा रहा है और केदारनाथ का रिजल्ट कांग्रेस को देख लेना चाहिए कि किस तरीके से करारी हार कांग्रेस को मिली है प्रदेश में सरकार निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव साथ करने पर मंथन भी कर रही थी लेकिन तकनीकी दिक्कत के चलते यह संभव नहीं हो पाया अब सरकार निकाय चुनाव को पहले संपन्न कराने की तैयारी कर चुकी है उसके बाद पंचायत चुनाव भी जल संपन्न हो जाएंगे, वहीं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि जल्द ही निकाय चुनाव के साथ पंचायत चुनाव भी सम्पन्न करा दिए जाएंगे।

 

 

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