देहरादून

अपोलो अस्पताल की लापरवाही उत्तराखंड में कईयों पर पड़ सकती हैं भारी,कारोना पॉजिटिव व्यक्ति को घर जाने की दे दी अनुमति

देहरादून। उत्तराखंड में कोराना वायरस के मामले जहां नियत्रंण में कहे जा सकते है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली स्थित अपोलों अस्पताल की ला परवाही उत्तराखंड में भारी पड़ सकती है जी हां जहां एक तरफ सरकार कोराना वायरस को नियत्रंण में लाने की तमाम कोशिशें कर रही है वहीं अपोलो अस्पताल कि एक ऐसी ला परवाही सामने आई जिससे कई लोगों को खतरा पैदा हो गया है। जी हां देहरादून के एक गंभीर बिमारी से पीड़ित व्यक्ति में कोराना वायरस की पुष्टि हुई है। जो दिल्ली के अपोलो अस्पताल में 28 से 30 अप्रैल तक भर्ती रहा,खास बात ये है कि गंभीर बिमारी से पीड़ित व्यक्ति में कोराना वायरस की पुष्टि की रिपोर्ट भी दिल्ली के अपोलो अस्पतात में ही हुई। फिर भी अस्पताल ने व्यक्ति को उपचार देने की बजाय घर भेज दिया। हांलाकि ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि कोरोना वायरस की पुष्टि वाले व्यक्ति को डिस्चार्ज करने से पहले या बाद में अस्पातल के द्धारा जानकारी दी गई। लेकिन सवाल इस बात का है कि जब कोराना वायरस की पाॅजीटिव रिपोर्ट आ गई तो क्यों अस्पताल ने कोराना वायरस पीड़ित व्यक्ति को भर्ती होने के लिए नहीं कहा,और सवाल इस बात का भी है कि जब अपोलो अस्पताल ने व्यक्ति की कोराना जांच के लिए रिपोर्ट ले ली तो फिर अस्पातल से बिला जांच रिपोर्ट आएं कैसे अस्पातल से डिस्चार्ज कर दिया। सवाल गंभीर है क्योंकि चूक अपोलों अस्पताल ने की है,जिस अस्पताल में लोग ठीक होने के लिए जाते है उस अस्पातल की ला परवाही से आज कई लोगों को खतरा है। जी हां 28 से 30 अप्रैल तक भर्ती दिल्ली के अपोलो अस्पताल में में देहरादून के चमन विहार निवासी के द्धारा अपनी बिमारी का इलाज किया जाता है, और इसी दौरान 29 अप्रैल को बीमार व्यक्ति का सैंपल कोराना टेस्ट के लिए लिया गया। जिसके बाद 30 अप्रैल को रिपोर्ट पाॅजीटिव आ गई। और अस्पातल  ने गंभीर बीमारी के साथ कोराना पीड़ित व्यक्ति को दिल्ली से देहरादून भेज दिया। कारोना की पुष्टि होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को कोराना पीड़ित के रिश्तेदारों की द्धारा दी गई जिसके बाद व्यक्ति को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कर दिया गया है। साथ ही एम्स अस्पातल में बेट को भर्ती कर कोराना टेस्ट की जांच के लिए सैंपल भेज दिया है । वहीं दून मेडिकल काॅलेज में कोराना पाॅजीटिव पाएं गए व्यक्ति की पत्नी और बेटी को आईसोलेट कर दिया गया है । कुल मिलाकर कहीं तो अपोलो अस्पताल की लापरवाही कईयों पर भारी पड़ सकती है क्योंकि अपोलो अस्पताल ने कारोना वायरस पीड़ित व्यक्ति को उपचार देने की बाजाय घर जाने की अनुमति दे दी।

एक और मरीज में हुई कोरोना की पुष्टि

वही आज उत्तराखंड में एक और व्यक्ति में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है, ट्रक ड्राइवर में यह कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जिसे हम उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामले 59 तक पहुंच गया है।

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