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राजकीय शिक्षक संगठन से क्या शिक्षकों का मोह हो रहा है भंग,95 ब्लॉकों में से 65 ब्लॉकों में नहीं हो पाए चुनाव

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग के सबसे बड़े संगठन राजकीय शिक्षक संगठन में जहां पिछले कई सालों से शिक्षकों के बीच खूब घमासान देखने को मिलता है, और कार्यकारिणी का चुनाव भी नहीं हो पाया है, वहीं अब लगता है कि शिक्षक संगठन के प्रति शिक्षकों की राय कुछ अलग देखने को मिल रही है, इसी के चलते उत्तराखंड के 95 ब्लॉकों में से अभी तक 30 ब्लॉकों में ही चुनाव हो पाए,जबकि 65 ब्लॉकों में चुनाव नहीं हो पाए. जिससे प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव कराए जाने पर सस्पेंस बरकरार है. यदि अगर ब्लॉकों के चुनाव नहीं हो पाए और राजकीय शिक्षक संगठन की 50% सदस्यता को नहीं दिखाया गया तो फिर प्रांतीय कार्यकारिणी का चुनाव कराना शिक्षक नेताओं के लिए मुश्किल हो जाएगा . क्योंकि राजकीय शिक्षक संगठन की नियमावली में स्पष्ट उल्लेख है कि जब तक 50% सदस्य संगठन के द्वारा नहीं दिखाए गए तब तक शिक्षा निदेशक चुनाव कराने को मंजूरी नहीं दे सकते . ऐसे में अब सवाल यही उठता है कि क्या शिक्षक राजकीय शिक्षक संगठन से मोह छोड़ चुके हैं जो ब्लॉकों में चुनाव नहीं हो पा रहे हैं,दरअसल ब्लॉकों में चुनाव होने से सदस्यता का जो आंकड़ा है वह सामने आ जाएगा और प्रांतीय कार्यकारिणी को वह आंकड़ा पहुंच जाएगा जिसके आधार पर प्रांतीय कार्यकारिणी कुल सदस्यों का आंकड़ा शिक्षा निदेशक के समक्ष रख सकेंगे और सभी ब्लॉकों में सदस्यों का आंकड़ा आने के बाद यदि 50% सदस्यों का आंकड़ा पूरा हो जाता है तो फिर राजकीय शिक्षक संगठन का चुनाव हो सकेगा लेकिन अभी तक जिस तरीके से सुस्त रफ्तार से ब्लॉकों के चुनाव हुए हैं उससे लग रहा है कि प्रांतीय कार्यकारिणी का चुनाव लड़ सकता है।

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