अरविंद पांडेय ने छोड़ा सरकारी आवास,स्टॉफ के कर्मचारियों के निकले आंसू,मंत्री न बनाए जाने को लेकर कह दी बड़ी बात
देहरादून। धामी कैबिनेट में जगह न मिलने से इस बार जहां कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं, वही पूर्व शिक्षा एवं खेल मंत्री अरविंद पांडे को भी इस बार धामी कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई है । जिसको लेकर अरविंद पांडे का कहना है कि हाईकमान ने जो निर्णय लिया है वह उसके साथ हैं और हाईकमान ने बेहतर सोच कर ही नए मंत्रिमंडल का गठन किया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सभी कैबिनेट मंत्रियों को वह बधाई देते हैं अरविंद पांडे ने आज सुबह मंत्री आवास भी खाली कर दिया जिसको लेकर उनकी सराहना भी हो रही है कि मंत्रिमंडल में जगह मैं मिलने के साथ ही उन्होंने सरकारी आवास को भी तुरंत खाली कर दिया आवास खाली करने से पहले अरविंद पांडे ने अपने स्टाफ के कर्मचारियों के साथ ब्रेकफास्ट किया सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ अपने ड्राइवर के साथ एक ही टेबल पर अरविंद पांडे ने नाश्ता किया तो इस दौरान उनके स्टाफ के कर्मचारी इतने भावुक हो गए कि वह रोने तक लग गए और उनकी आंखों से आंसू टपकने लग गए मंत्री आवास खाली करते समय भी अरविंद पांडे के स्टाफ के कई कर्मचारी उन्हें यमुना कॉलोनी स्थित आवास से जाते समय ध्यान गले लगाते हुए नजर आए तो वही इस दौरान कई कर्मचारी रोते हुए भी नजर आए।
नए शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को दूंगा सुझाव
पूर्व शिक्षा मंत्री रहे अरविंद पांडे का कहना है कि ऐसा नहीं है कि उनको कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है तो वह उत्तराखंड में शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने सुझाव नहीं देंगे उत्तराखंड की जनता ने भाजपा की सरकार को चुना है और वह सत्ताधारी दल के विधायक हैं ऐसे में वह नहीं शिक्षा मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को भी शिक्षा की बेहतरी के लिए सुझाव देते रहेंगे उनका सपना है कि उत्तराखंड में जब अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन करने की सोचें तो वह प्राइवेट स्कूल की वजह से सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराएं और इसी को लेकर उनका जो प्लान है उसको लेकर वह सुझाव नहीं शिक्षा मंत्री को भी देंगे और मुख्यमंत्री को भी देंगे यहां तक की अरविंद पांडे का कहना है कि उत्तराखंड में शिक्षा की बेहतरी के लिए सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई होनी चाहिए तो वहीं शिक्षकों की पोस्टिंग सेंट्रल स्कूल के तर्ज पर होनी चाहिए जिससे कि पारदर्शिता अपनाई जाए ही जाए।