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दीपावली से पहले हरदा और हरक में फूटे बयानों के बम,हरीश रावत हमेशा लहर में जीतते है चुनाव -हरक

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच दीपावली के पर्व पर बयान बाजी के बम फूटते नजर आ रहे है। जी हां कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाएं गए श्रम मंत्री हरक सिंह रावत को लेकर जहां सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे है कि आखिर मुख्यमंत्री ने क्यों हरक रावत से कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद को हटा दिया वहीं कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाएं जाने के बाद बोर्ड के द्धारा अब हरक सिंह रावत के कार्यकाल में लिए गए कई निर्णय को बदला गया है,जिनमें कोटद्धार में बोर्ड के कैंप कार्यालय को बंद करने का निर्णय भी अहम है। वहीं 30 से उपर हरक सिंह रावत के कार्यकाल में रखे गए संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है। जबकि बोर्ड की सचिव पद से हरक सिंह की करीबी अधिकारी दमयंति रावत की भी छुट्टी कर दी गई है तो हरह सिंह रावत के कार्यकाल में हुए बजट खर्च को लेकर जांच करने की भी बात की जा रही है । इन सब के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में जिस तहर भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है,उसे सरकार को सीबीआई या न्यायिक या एसआईटी जांच की जाएं लेकिन मामला गंभीर है और इसमे जांच बेहत आवश्यक है,इसलिए इस मामले की जांच की जानी चाहिए है और कांग्रेस इस मुद्दे को उठाएंगी और उठाती रहेगी।

हरक सिंह ने हरदा पर एक नहीं कई हमले कर डाले

2016 में हरीश रावत सरकार को अस्थिर कर भाजपा का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत के कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद के कार्यकाल के दौरान जांच कराने की मांग से हरक सिंह रावत हरीश रावत से काफी खफा हो गए है। हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि हरीश रावत कुछ भी कहे वह उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते है। वही हरक सिंह रावत का कहना है कि कोई उन्हे घेर नहीं सकता है,क्योंकि काम करने वाले को कभी घेर नही सकता है। क्योंकि जिन मजदूरों के लिए उन्होने 3 साल में काम किए है,वह मजदूर उन्हे याद करते है। हरक का कहना है कि कोई घोटाला कर्मकार कल्याण बोर्ड में नहीं हुआ है। सारे नियमों को ध्यान में देखते हुए उन्होने काम किए है। अगर कोई घोटाले की बात कर रही है तो वह तथ्य तो दे कि घोटाला हुआ है। हरीश रावत हतास है,इसलिए घोटाले की बात कर रहें है। एक ही बार में दो विधानसभा सीटों से चुनाव हारने से वह ज्यादा निराश है। और हरीश रावत को लेकर वह एक बात कहना चाहते है कि हरीश रावत हमेशा लहर में चुनाव जीते है। कांग्रेस की कभी लहर होती थी तब हरीश रावत चुनाव जीते,कभी राजीव गांधी और इंद्रा गंाधी की लहर में वह लोकसभा का चुनाव जीते तो 2009 में वह तब हरिद्धार से लोकसभा का चुनाव जीते जब नेता प्रतिपक्ष के नाते उनहोने और प्रदेश अध्यक्ष के नाते यशपाल आर्य ने उनके लिए लहर बनाने का काम किया। इसलिए वह कहना चाहते है कि जनता में हरीश रावत कि कितनी पैठ है,इसका बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह हमेशा लहर में चुनाव जीतते है। 

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