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उत्तराखंड से बड़ी खबर,आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक निलंबित

देहरादून। उत्तराखण्ड शासन ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक डॉ पीयूष रौतेला को निलंबित कर दिया है। रौतेला पर आरोप है कि उन्होंने गंगोत्री ग्लेशियर में फैल रहे कूड़े से बन रही झील के मामले में हाईकोर्ट को रिपोर्ट देने में लापरवाही बरती। प्रभारी सचिव (आपदा प्रबंधन) एसए मुरुगेशन ने डॉ रौतेला के निलंबन की पुष्टि की। गौरतलब है कि गंगोत्री ग्लेशियर में फैल रहे कूड़े और इस कारण बन रही झील के मामले में अजय गौतम द्वारा दायर की गयी जनहित याचिका की जुलाई 2018 में हुयी सुनवायी में हाईकोर्ट ने इसे गम्भीरता से लिया और प्रत्येक तीन माह में न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करने के लिये सचिव आपदा को निर्देशित किया था। गौतम ने अपनी याचिका में कहा था कि गंगोत्री ग्लेशियर में कूड़े कचरे की वजह से पानी ब्लाक हो गया और कृत्रिम झील बन गई। न्यायालय ने 2018 में सरकार को तीन माह में इसकी मॉनिटरिंग करने और छह माह में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कोई भी आख्या प्रस्तुत नहीं की जिस कारण न्यायालय ने सचिव आपदा प्रबंधन को अवमानना नोटिस जारी किया और दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये। मा. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सबसे पहली गाज डा. पियूष रौतेला पर गिरि है, अब देखना है इस प्रकरण पर अभी कितने और अधिकारियों पर गाज गिरती है।

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