उत्तराखंड से बड़ी खबर,विश्वविद्यालय और महाविद्यालय खोलने के लिए एसओपी जारी
देहरादून । प्रदेश में 15 दिसंबर से खुलने वाले विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को के लिए शासन की ओर से एसओपी जारी कर दी गई है। महाविद्यालयों को खोलने के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में उच्च शिक्षण संस्थान खोले जाने को मंजूरी मिली थी।
विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को खोले जाने से पहले उन्हें सैनिटाइज किया जाना होगा। महाविद्यालय भवन के मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करनी होगी। हर छात्र और कर्मचारी को मास्क पहनकर आना अनिवार्य है।
किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे तत्काल वापस भेज दिया जाएगा। महाविद्यालय खोलने संबंधी दिशानिर्देशों का पालन न करने वाले महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राओं के खिलाफ महामारी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों की लेनी होगी सहमति
प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को खोले जाने पर छात्र छात्राओं को महाविद्यालय भेजने के लिए अभिभावकों की सहमति ली जानी अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय इसके लिए कार्ययोजना से अभिभावकों को अवगत कराएंगे।
इनमें होंगी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू
प्रथम सेमेस्टर स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों के लिए जिन विषयों में थ्योरी एवं प्रैक्टिकल पढ़ाए जाने अनिवार्य हैं। उन्हीं में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएगी। जबकि अंतिम सेमेस्टर की कक्षाएं जिनमें प्रैक्टिकल अनिवार्य है। उन कक्षाओं को शीतकालीन अवकाश के बाद जनवरी-फरवरी से शुरू किया जाएगा।
इन मानकों का करना होगा पालन
प्रथम सेमेस्टर या अंतिम सेमेस्टर की कक्षाओं के संचालन के लिए त्रिस्तरीय मानकों कक्षाओं का संचालन पालियों में किया जाएगा, सेक्शन बढ़ाए जाएंगे या फिर एक दिन छोड़कर एक दिन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। इनमें से किसी एक मानक का पालन करना होगा।
इनमें ऑनलाइन पढ़ाई रहेगी जारी
जिन विषयों में केवल थ्योरी पढ़ाई जाती है या प्रैक्टिकल की अनिवार्यता नहीं है वहां ऑनलाइन मोड से ही पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी। वही प्रैक्टिकल सब्जेक्ट से संबंधित जो कक्षाएं ऑफलाइन मोड में संचालित नहीं होंगी वहां वर्चुअल लैब का प्रयोग किया जाएगा।
प्रदेश के बाहर से आने वाले छात्रों को करानी होगी कोविड-19 की जांच
राज्य के बाहर से आने वाले छात्रावास में रहने वाले छात्रों एवं डे स्कॉलर को कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। किसी छात्र, शिक्षक, कर्मचारी, स्टाफ आदि के कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने पर संबंधित जिलाधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी। जबकि चिकित्सा शिक्षा से संबंधित संस्थानों के संबंध में चिकित्सा विभाग द्वारा अलग से दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
शिक्षण संस्थानों में नोडल अधिकारी होंगे नामित
गाइडलाइन का पालन कराने के लिए शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी द्वारा एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी नामित करते हुए इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। बड़े जनपदों में दो नोडल अधिकारी नामित किए जा सकते हैं।
क्लासरूम में छह फीट की दूरी पर बैठने की करनी होगी व्यवस्था
छात्र-छात्राओं के लिए कक्षा में छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। छात्र यदि मांग करते हैं तो पढ़ाई ऑनलाइन भी जारी रहेगी। वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना एवं एनसीसी के माध्यम से कोविड-19 के फैलाव और रोकथाम के उपायों को लेकर छात्र-छात्राओं द्वारा समस्त विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा ।
निदेशालय स्तर पर नोडल अधिकारी होगा नामित
महाविद्यालयों को खोले जाने पर व्यवस्था की निगरानी के लिए से निदेशालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। जो नियमित रूप से शासन को जानकारी उपलब्ध कराएगा।