आम बजट को भाजपा ने बताया ऐतिहासिक,विपक्ष ने बताया निराशा जनक,कैबिनेट मंत्रियों ने बजट को सराहा
देहरादून। भाजपा ने केंद्रीय बजट को आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला ऐतिहासिक बजट बताया है। राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि नौकरी पेशा मध्यम वर्ग समेत 80 फीसदी लोगों को टैक्स से दी छूट और टूरिज्म, कृषि क्षेत्र को मिली प्राथमिकता, उत्तराखंड के विकास में अहम साबित होने वाली है।
लोकसभा में प्रस्तुत सर्वस्पर्शी एवं सर्वग्राही बजट के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया किया। उन्होंने कहा कि विकास और विरासत के मूलमंत्र पर आधारित यह बजट, विकसित भारत निर्माण की गति तेज करने वाला बजट है। उत्तराखंड के संदर्भ में ही देखें तो राज्य ने नौकरी पेशा एवं माध्यम वर्ग के संख्या बहुत है। ऐसे में मोदी सरकार का 1 लाख रूपए तक प्रति माह औसत आय पर आय कर की छूट से उनको 80 हजार तक की बचत प्रतिवर्ष होगी।
केन्द्रीय बजट में विकास के प्रमुख इंजन कृषि को प्राथमिकता देने से राज्य के कृषकों को भी बड़ा लाभ हासिल होगा।प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इनमें 100 जिलों में कृषि से जुड़ी व्यवस्थाओं और योजनागत ढांचे का सुदृढ़ीकरण होगा। किसान क्रेडिट कार्ड में लोन की सीमा 5 लाख तक बढ़ाने से किसानों को अपनी कृषि ढांचे को बेहतर करने में मदद मिलेगी। एमएसएमई को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया जाना, उत्तराखंड जैसे नवसृजित औद्योगिक राज्य के लिए लाभकारी होगा। सरकार ने पीएम स्वनिधि की 30 हजार रूपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड देना, हमारे जैसे छोटे राज्य में रोजगार के अवसरों को बेहतर करेगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि विकास केन्द्र के रूप में आवंटित एक लाख करोड़ रूपए शहरी चुनौती निधि से राज्य के शहरों का विकास किया जाएगा।संशोधित उड़ान योजना से जिन 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा, उसमें राज्य के स्थान भी शामिल होंगे। पांडुलिपियों के सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए ज्ञान भारत मिशन, देवभूमि के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
इसी तरह कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों के उपचार के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों को बुनियादी सीमा-शुल्क से छूट दी गई है। फ्रोजन फिश पेस्ट पर सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का लाभ नीले राज्य के रूप में प्रोजेक्ड हमारे राज्य को मिलने वाला है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की पहली बार की उद्यमी पांच लाख महिलाओं के लिए एक नई योजना का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत को अभियान को गति देने के लिए सरकार ने टूरिज्म पर फोकस किया है। जिसमें 50 टूरिस्ट बनेंगे, वहां जो होटल बनाएंगे उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर समेत तमाम योजनाजगत लाभ दिए जाएंगे। वहीं होम स्टे को मुद्रा लोन से जोड़ा जा रहा हैं। अब चूंकि उत्तराखंड पर्यटन आधारित राज्य में, लिहाजा इस बजट से हमारी कोशिशें अधिक तेजी से सफल होंगी।
भट्ट ने कहा कि इस बजट में प्रस्तावित विकास, उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने बजट का बताया निराशाजनक
यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 आम लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किए बिना बड़े-बड़े वादों का एक और प्रयास है। बड़े-बड़े दावों के विपरीत, जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति घरेलू आय को कम कर रही है। ग्रामीण संकट गहराता जा रहा है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए परिवर्तनकारी नीतियों की पेशकश करने के बजाय, बजट उन लाखों नागरिकों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज करता है जो सार्वजनिक सेवाओं पर निर्भर हैं। यह पारदर्शिता, राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों और राजस्व अनुमानों के बारे में भी चिंताएं पैदा करता है जो अवास्तविक प्रतीत होते हैं।
आर्य ने कहा कि बजट 2025 एक सुव्यवस्थित आर्थिक योजना के बजाय मात्र चुनावी घोषणा-पत्र बनकर रह गया है।
▪️ युवाओं और किसानों को कोई वास्तविक राहत नहीं।
▪️ बेरोजगारी और महंगाई पर ठोस समाधान की बजाय सतही दावे।
▪️ एम.एस.एम.ई., स्वास्थ्य, शिक्षा और मनरेगा की उपेक्षा जारी।
▪️ स्मार्ट सिटी, मेडिकल कॉलेज जैसी पुरानी घोषणाओं का कोई हिसाब नहीं।
▪️ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) और कृषि ऋण माफी पर सरकार की चुप्पी।
▪️ बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं, बस खोखले वादे।
▪️ बजट में साहसिक सुधारों की कमी, केवल चुनावी लॉलीपॉप।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रोडमेप नहीं, खेती के सामान पर जीएसटी दर में कोई रियायत नहीं दी गई। आसमान छूती महँगाई कि बावजूद मनरेगा का बजट वही का वही है। श्रमिकों को आय बढ़ाने के लिये कुछ नहीं किया गया। बेरोजगारी को कम करने के लिए, नौकरियां बढ़ाने की कोई बात नहीं की स्टार्ट अप इंडिया, स्टेण्ड अप इन्डिया, स्कील इंडिया सभी योजनाएँ बस घोषणाएँ साबित हुईं।
उन्होंने कहा कि विकास दर और रोजगार पर नकारात्मक प्रभावदृ पूंजीगत व्यय (कैपटैक्स) में ₹92,682 करोड़ की कटौती से बुनियादी ढांचे के विकास की गति धीमी हो सकती है। इससे नई परियोजनाओं में देरी होगी, जिससे निर्माण और विनिर्माण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं। कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र को और मजबूत करने की जरूरत थी, लेकिन बजट में ₹1,255 करोड़ की कटौती कर दी गई। यह सरकारी अस्पतालों, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं और नई स्वास्थ्य योजनाओं के विस्तार को प्रभावित कर सकता है।
आर्य ने कहा कि शिक्षा बजट में ₹11,584 करोड़ की कटौती भारत के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकती है। जब भारत को नई शिक्षा नीति (नैप) को प्रभावी ढंग से लागू करने और उच्च शिक्षा में निवेश बढ़ाने की जरूरत थी, तब इस कटौती से शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कृषि बजट में ₹10,992 करोड़ और ग्रामीण विकास में ₹75,133 करोड़ की कटौती से किसानों और ग्रामीण गरीबों को बड़ा झटका लगेगा। यह मनरेगा जैसी योजनाओं की फंडिंग को प्रभावित कर सकता है, जिससे ग्रामीण बेरोजगारी बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण बजट में ₹10,019 करोड़ की कमी से कमजोर और वंचित वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर असर पड़ेगा। सरकार की यह नीति सामाजिक न्याय के खिलाफ प्रतीत होती है। शहरी विकास बजट में ₹18,907 करोड़ और पूर्वोत्तर विकास में ₹1,894 करोड़ की कटौती से इन क्षेत्रों में अधूरी योजनाओं के पूरा होने में देरी होगी। इससे पूर्वोत्तर राज्यों के विकास की गति प्रभावित होगी, जो राष्ट्रीय एकता और संतुलित विकास के लिए आवश्यक है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने फिस्कल डेफिसिट को कम करने के नाम पर खर्च घटाया है, लेकिन यह दीर्घकालिक दृष्टि से नुकसानदेह हो सकता है। सार्वजनिक निवेश में कटौती से निजी क्षेत्र की भागीदारी भी कम हो सकती है, जिससे संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।इस बजट में किए गए खर्च में कटौती कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कमजोर कर सकती है, जिससे विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को वित्तीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन बनाना चाहिए था, लेकिन इस बार का बजट दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
वित्त मंत्री ने जताया बजट पर आभार
केंद्रीय वित्त मंत्री डॉ निर्मला सीतारमण द्वारा रखे गए आम बजट पर वित्त मंत्री उत्तराखंड डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत को विश्व के अग्रणीय देशों की पंक्ति में खड़ा करने पर मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के लिए भी इसमें महत्वपूर्ण योजनाएं हैं
वित्त मंत्री ने बताया कि इस वर्ष के संसोधित अनुमान में केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा लगभग रू0 14387 करोड होगा। इससे इस वर्ष उत्तराखंड को रू0 444 करोड़ अतिरिक्त मिलेंगें। आगामी वर्ष हेतु यह लगभग रू0 15902 करोड होगा। राज्य के लिए यह राशि अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि हमारी सरकार ने बजट पूर्व सम्मेलन में 11 बिन्दुओं का निवेदन किया था। बताया कि हमारी प्रेरणा का स्रोत केन्द्र सरकार है इसीलिए हमारे अनुरोध के बिन्दुओं का समावेश बजट में दिख रहा है। बताया कि उत्तराखंड राज्य में आर्टिफिसियल इंटैलीजेंस (AI) व साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) स्थापित किये जाने का निवेदन हमने किया था। इस बजट में 5 नेशलन सेंटर ऑफ एक्सिलेंस एवं सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब बनाने की घोषणा की गई है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत अवशेष कार्यों को पूर्ण करने की समय-सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था। हमारे अनुरोध को स्वीकार करते हुए इसे 2028 तक बढाया गया है। बताया कि राज्यों के पूंजीगत विकास के लिए 1.5 लाख करोड कर्ज का प्रावधान किया है। यह इस वर्ष के संसोधित अनुमान रू0 1,25,000 करोड से 25,000 करोड़ अधिक है। विगत दो वर्षों में इस ब्याजमुक्त योजना से हमारे राज्य को बढा लाभ मिला है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की घोषणा से उत्तराखंड के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। नॉलेज इकॉनोमी के लिए यह एक मजबूत नीव होगी। बताया कि 125 शहरों के लिए नई उडान योजना की घोषणा से उत्तराखण्ड की कनेक्टिविटी बढेगी। बताया कि अगले 3 साल में सभी जिलों में कैंसर सेंटर बनाने से उत्तराखंड में चिकित्सा सेवा को विस्तार मिलेगा। कैंसर की दवाएं सस्ती होने की भी घोषणा की गई है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि 5 साल में पीएम रिसर्च फेलोशिप में 10000 फेलोशिप से मेधा का सम्मान होगा तथा प्रदेश के युवा लाभान्वित होगें। बताया कि सक्षम आंगनबाडी 2.0 में 8 करोड बच्चे आच्छाादित होने से प्रदेश में बाल कल्याण के प्रयासों को बल मिलेगा। बताया कि किसानो के लिए 100 जिलों में धन धान्य योजना की शुरुआत से प्रदेश के किसान के लाभान्वित होने की आशा है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि 10,000 करोड़ रुपये के योगदान से स्टार्टअप्स के लिए फंड की व्यवस्था किये जाने की घोषणा की गई है। पहली बार पांच लाख महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये का ऋण देने की घोषणा से उत्तराखंड के उद्यमी भी लाभान्वित होंगे। बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किये जाने की घोषणा से प्रदेश के किसानों को फायदा होगा। किसान क्रेडिट कार्ड ने 7.07 किसानों के लिए ऋण की सुविधा प्रदान की गई है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में परिवर्तित करने से उत्तराखण्ड के दूर-दराज क्षेत्रों में पोस्ट आफिस के माध्यम से आर्थिक गतिशीलता बढेगी। बताया कि फार्म ग्रोथ, ग्रामीण विकास, मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने की घोषणा प्रदेश के लिए उत्साहबर्धक है। सूक्ष्म उद्यमों के लिए एमएसएमई क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की घोषणा की गई है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए छह साल के मिशन की घोषणा की है। अगले 6 साल मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए फोकस किया गया है इससे उत्तराखण्ड में भी किसानों की आय बढेगी। बताया कि यह बजट मध्यमवर्गीय लोगों को बड़ी सौगात लेकर आया है। 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है. सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से मीडिल क्लास लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सीनियर सिटिजन के लिए ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स डिडक्शन को दो गुना करते हुए 1 लाख रुपये कर दिया है. वहीं, रेंट पर टीडीएस के लिए लिमिट 6 लाख कर दी गई है। बताया कि आम जनता के लिए भी राहत की खबर है। लिथियम बैटरी, टीवी समेत इलेक्ट्रानिक प्रोडेक्ट, इलेक्ट्रानिक कारें, मोबाईल सस्ते होने की घोषणा हुई है।
*कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय बजट 2025 को बताया “सर्वसमावेशी और विकासोन्मुखी”*
*यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने, रोजगार सृजन और सभी वर्गों को समाहित करने वाला साबित होगा – कृषि मंत्री गणेश जोशी।*
*मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का जताया आभार।*
प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय बजट 2025 को विकसित भारत का “सर्वसमावेशी और विकासोन्मुखी” बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है और आर्थिक विकास को नई गति देगा। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘ज्ञान’ पहल (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) पर जोर दिया गया है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय बजट में किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं है। बजट में पीएम धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत करने की घोषणा की, जिससे देशभर के 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और किसानों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के साथ ही कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि मंत्री ने केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग के लिए गए ऐतिहासिक पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹12 लाख तक की आय को कर मुक्त करने का निर्णय देश के करोड़ों नागरिकों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा यह फ़ैसला न केवल आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा, बल्कि लोगों की जीवनशैली को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह और एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में ग्रामीण भारत के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। बुनियादी ढांचे और कृषि सुधारों से गांवों में रह रहे लोगों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और देश का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।
मीडिया में जारी बयान में कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय बजट 2025 की सराहना करते हुए कहा कि इस बजट में किसान, ग्रामीण विकास और रक्षा क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। उन्होंने विशेष रूप से पूर्व सैनिकों के लिए (ईसीएच) में ₹8 हजार करोड़ से अधिक की व्यवस्था का उल्लेख किया। मंत्री जोशी ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी यह दर्शाता है कि केंद्र में एक संवेदनशील सरकार कार्यरत है, जो समाज के हर वर्ग की चिंता करती है। उन्होंने इसे “विकसित भारत का बजट” और “आत्मनिर्भर भारत का बजट” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह बजट देश की समग्र प्रगति और सशक्त भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें किसानों से लेकर पूर्व सैनिकों तक, हर वर्ग की भलाई का ख्याल रखा गया है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह बजट भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है। उन्होंने कहा कि यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने, रोजगार सृजन और सभी वर्गों को समाहित करने वाला साबित होगा और इस बजट से देश को एक नई दिशा मिलेगी।
*युवा सपनों की तासीर बदलेगा केन्द्रीय बजटः डॉ. धन सिंह रावत*
*50 हजार अटल टिंकरिंग लैब बढ़ायेंगी वैज्ञानिक सोच का दायरा*
*कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने जताया प्रधानमंत्री व केन्द्रीय वित्त मंत्री का आभार*
देहरादून। सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि यह बजट युवाओं के सपनों की तासीर बदलेगा। उन्हेंने कहा कि केन्द्रीय बजट में नौनिहालों में वैज्ञानिक चेतना के प्रसार के लिये सरकारी विद्यालयों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब बनाने का प्रावधान किया है। जिसका लाभ राज्य के युवाओं को भी मिलेगा। डॉ. रावत ने इस सर्वसमावेशी बजट के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया।
डॉ. रावत ने कहा कि बजट में जिज्ञासा, नवाचार और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिये कई प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी माध्यमिक विद्यालयों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोडा जायेगा। जिसका फायदा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को मिलेगा। आगामी पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंक लैब स्थापित किये जायेंगे। विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं को भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तक उपलब्ध कराने के लिये भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जायेगा। इसके साथ ही बजट में 500 करोड़ रूपये के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जायेगा। नौजवानों के कौशल को बेहतर करने के लिये पांच नेशनल सेंटर स्थापित करने का प्रावधान भी इस बजट में किया गया है। यहां ग्लोबल विशेषज्ञों की मदद से कौशल क्षेत्र में काम किया जायेगा ताकि छात्र अपने हुनर को निखार सकेंगे।
डॉ. रावत ने कहा कि शिक्षा में व्यापक सुधार, नवाचार, शोध और एआई को बढ़ावा देने के लिये बजट में चौतरफा प्रावधान किये हैं। राज्य के युवाओं को इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिये विभागीय अधिकारियों को केन्द्रीय बजट के अनुरूप प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि प्रदेश के नौजवानों को बेहतर शिक्षा मुहैया की जा सके और उन्हें शोध प्रवृत्ति, नवाचार और एआई तकनीक की ओर अग्रसर किया जा सके।
*सर्व-समावेशी बजट, देश के हर वर्ग के कल्याण को सुनिश्चित करने वाला है यह बजट :- रेखा आर्या*
*बजट 2025 :-* देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदरणीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने जो आम बजट पेश किया है उसने आम लोगों को आयकर की सीमा 12 लाख तक बढाकर बड़ी राहत दी है।
बजट में एससी-एसटी महिलाओं के लिए नई स्कीम का ऐलान किया गया है जिसके तहत पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं को 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकेंगी. इस पहल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता को बढ़ावा देना है। मैं इस बजट प्रावधान के लिए वित्त मंत्री महोदय को विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहती हूं इससे हमारे प्रदेश की एससी और एसटी बहनों के सशक्तिकरण में बड़ी मदद मिलेगी।
केंद्रीय बजट में 50 नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना बनाई गई है. उत्तराखंड को इसका लाभ निश्चित रूप से मिलेगा क्योंकि उत्तराखंड में रामायण सर्किट, महाभारत सर्किट, शारदा कॉरिडोर, मानसखंड केदार खंड जैसी योजनाएं पाइपलाइन में है ।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने होम स्टे के लिए मुद्रा लोन के तहत कर्ज देने का प्रावधान किया है . उसका भी राज्य को फायदा मिलेगा , क्योंकि राज्य में पहले से पंडित दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना प्रचलन में है। और हमारे यहां होम स्टे जैसी सुविधा की बड़ी संख्या में जरूरत है
उड़ान योजना में 120 नए एयरपोर्ट को इस योजना से जोड़ने का प्रावधान किया गया है, उत्तराखंड में गोचर सहित गढ़वाल और कुमाऊं में स्थित अन्य एयरपोर्ट को विकास का मौका मिलने की उम्मीद है
जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया है इसका लाभ उत्तराखंड को इसलिए मिलेगा क्योंकि यहां 50% से अधिक क्षेत्र इस योजना में शामिल होने से बचा हुआ है।
चौमुखी विकास का जो मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुरू किया है उसे सफल बनाने में यह बजट बड़ी भूमिका निभाएगा। *रेखा आर्या, कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार*