छात्र संघ चुनाव से भाजपा को मिली बड़ी संजीवनी,डीएवी समेत अधिकतर कॉलेजों में एबीवीपी का कब्जा
देहरादून। डीएवी समेत अधिकतर कॉलेजों में एबीवीपी का कब्जा, भाजपा को मिली चुनावों से पहले बड़ी संजीवनी।
उत्तराखंड के छात्र संघ चुनावों में एक बार फिर भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अधिकतर कॉलेजों में जीत दर्ज की है। प्रदेश के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज डीएवी कॉलेज में भी एबीवीपी के दयाल बिष्ट ने अध्यक्ष पद पर भारी मतों से जीत दर्ज की है। देहरादून जिले के एसजीआरआर पीजी कॉेलेज, डाकपत्थर विकासनगर, रायपुर, मसूरी डिग्री कॉलेज में भी एबीवीपी का पैनल जीता है। डीबीएस पीजी कॉलेज में एनएसयूआई के प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर एनएसयूआई का खाता खोला है।
कोविड के बाद दो साल बाद प्रदेशभर के सभी 119 डिग्री कॉलेजों में शनिवार को छात्र संघ चुनाव सम्पन्न हो गए। कोविड की नई गाइडलाइन के बीच छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान कराया गया। हालांकि अधिकतर कॉलेजों में ज्यादातर छात्र बिना मास्क के ही नजर आए। लेकिन कहीें—कहीं छात्र मास्क पहने हुए वोट डालने पहुंचे। सुबह से ही छात्रों में चुनाव को लेकर उत्सकुता नजर आई। अपने—अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोट डालने के लिए छात्र नेता मेहनत करते रहे। 1 बजे तक मतदान होने के बाद दोपहर बाद मतगणना शुरू हुई। देहरादून जिले में एसजीआरआर, डाकपत्थर विकासनगर, मसूरी, मालदेवता रायपुर, मसूरी डिग्री कॉलेज में एबीवीपी का पूरा पैनल चुनाव जीतने में कामयाब रहा। डीबीएस पीजी कॉलेज में एनएसयूआई के अरुण टम्टा अध्य्क्ष पर एबीवीपी के स्वर्णिम से 450 करीब वोट से जीते, इस तरह देहरादून जिले में एनएसयूआई का खाता खुला। डीबीएस पीजी कॉलेज में सचिव में आर्यन ग्रूप से आशीष कुमार की जीत हुई। प्रदेश के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज डीएवी में आखिकार एबीवीपी ने वापसी करते हुए अध्यक्ष पद पर कब्जा किया। एबीवीपी के दयाल बिष्ट चुनाव जीते। इससे पहले 2019 में एबीवीपी के बागी गुट चुनाव जीता था। लेकिन इस बार एबीवीपी ने अपने पुराने बागी पूर्व अध्यक्षों को संगठन में वापसी कराकर जीत का रास्ता तैयार कर लिया था। जिसका परिणाम अध्यक्ष पद पर एबीवीपी का फिर से कब्जा हुआ। इसके साथ ही डीएवी में एबीवीपी केसह सचिव पर मयंक नेगी, कोषाध्यक्ष पद पर विविधा चौहान चुनाव जीत गए। महासहिव पद पर कांटे की टक्कर में सत्यम शिवम ग्रुप के मनमोहन रावत ने जीत दर्ज की। बता दें कि मनमोहन का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ, जिसमें वे आंसू बहाते हुए नजर आए थे।
प्रदेशभर में एबीवीपी के प्रदर्शन से एबीवीपी संगठन ही नहीं भाजपा भी गदगद नजर आ रही है। निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले जिस तरह से एबीवीपी ने शानदार प्रदर्शन किया है, वो आगामी चुनावों में भाजपा के लिए संजीवनी का काम कर सकता है। बता दें कि एबीवीपी, भाजपा की छात्र इकाई है। जबकि एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र विंग है। एनएसयूआई के निराशाजनक प्रदर्शन से कांग्रेस को जरूर झटका लगा है।