मुख्यमंत्री के फैसले पर श्रेय लेने में बीजेपी – कांग्रेस में घमासान,इंद्रा हृदेश और बंशीधर भगत में जुबानी जंग
भगत के बयान से आहत हूं – इंद्रा
बंशीधर भगत के द्धारा इंद्रा हृदियेश को झूठा बोले जाने पर इंद्रा हृदियेश ने एक संदेश जारी किया है,जिसमें इंद्रा हृदियेश ने बंशीधर भगत को संसदीय मर्यादओं का पाठ पठाया है। इंद्रा हृदियेश का कहना है कि संससीदय परम्पराओं में झूठा शब्द असंसदीय है। बंशीधर भगत को बयान देने से पहले मुख्यमंत्री और के साथ उनसे बात करनी चाहिए थी। यह समय श्रेय लेने का नहीं है,लेकिन वह अपने सुझाव मुख्यमंत्री को देती रहती है और मुख्यमंत्री जी उन सुझाव पर सकारात्क उत्तर भी देते है। इसलिए वह बंशीधर भगत से कहना चाहती है कि आगे से वह जब भी मुख्यमंत्री से बात करेंगी उस समय वह बंशीधर या उनके प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री के साथ वह क्या बात कर रही है इसे सुनने के लिए आमंत्रित करती है। इंद्रा हृदियेश ने इस तरह अपनी पीड़ा भगत के बयान के बाद बयां की वहीं कहा कि उन्हे इस बयान से काफी कष्ट पहुंचा है,50 साल के विधायी जीवन में पहली बार उन्होने इस तरह की बात सुनी है। इंद्रा हृदियेश का मार्मिक संदेश आप भी नीचे दिए गए पत्र में पढ़ सकते है।
मुख्यमंत्री ही बता सकते है किसके सुझाव पर लिया फैसला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदियेश के बीच हल्द्धानी में क्वारंटीन का समय पूरा किए जाने के बाद को घर रवना किए गए लोगों को श्रेय लेने को लेकर जंग छिड़ गई है। दोनों की माने तो उनके कहने पर मुख्यमंत्री ने क्वारंटीन का समय पूरा किए गए लोगों को घर जाने का फैसला लिया गया। लेकिन जो जंग दोनों के बीच छिड़ चुही है उसका सटीक जवाब केवल मुख्यमंत्री के पास ही होगा कि आखिर किसी एक के सुझाव पर उन्होने ये फैसला लिया या फिर दोनों के सुझाव पर उन्होने अम्ल करते हुए ये फैसला लिया। लेकिन इतना साफ है कि मुख्यमंत्री के बहाने दोनों इसका श्रेय लेने से नहीं चूह रहें है।