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मुख्यमंत्री के फैसले पर श्रेय लेने में बीजेपी – कांग्रेस में घमासान,इंद्रा हृदेश और बंशीधर भगत में जुबानी जंग

देहरादून। उत्तराखंड में जिस तरह अब प्रति दिन कारोना पाॅजीटिव के मामले बढ़ते जा रहे है,उसको लेकर भी प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस गंभीर नजर नहीं आ रहे है । बल्कि उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस दोनों दल कोराना महामारी में श्रेय लेने को लेकर आपस में इस तरह के बयान बाजी करते हुए नजर आ रहे है। जिससे कहा जा सकता है कि दोनों दलों को कारोना से ज्यादा चिंता इस महामारी में श्रेय लेने कि है,जी हां ये हम यू ही नहीं कह रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बीच शुरू हुए विवाद से हम ये कह रहे है। दरसल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और नेता प्रतिपक्ष के बीच विवाद के वजह हल्द्धानी में कुमाऊं क्षेत्र के कई लोगों को क्वारंटीन किए जाने को लेकर शुरू हुआ । जिन्हे मुख्यमंत्री के निर्देश पर 14 दिन के क्वारंटीन पूरा किए जाने के बाद उनके गांवों को रवाना कर दिया गया। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदियेश के बीच इस बात को लेकर विवाद पैदा हो गया है कि मुख्यमंत्री ने उनके – उनके कहने पर 14 दिन के क्वारंटीन पूरा करने वाले लोगों को घर जाने दिया है। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री से उन्होने बात की उसके बाद 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करने बाद लोगों को घर जाने दिया गया। इंद्रा के द्धारा इस बात का श्रेय लेने के बाद बंशीधर भगत ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष झूट बोल रही है उनके कहने पर मुख्यमंत्री ने 14 दिन का क्वारंटीन पूरा करने वाले लोगों को घर जाने दिया है। बात यही तक रूक जाती तो मामला शांत हो जाता है। लेकिन अब मामला आगे बढ़ता जा रहा है।

भगत के बयान से आहत हूं – इंद्रा

बंशीधर भगत के द्धारा इंद्रा हृदियेश को झूठा बोले जाने पर इंद्रा हृदियेश ने एक संदेश जारी किया है,जिसमें इंद्रा हृदियेश ने बंशीधर भगत को संसदीय मर्यादओं का पाठ पठाया है। इंद्रा हृदियेश का कहना है कि संससीदय परम्पराओं में झूठा शब्द असंसदीय है। बंशीधर भगत को बयान देने से पहले मुख्यमंत्री और के साथ उनसे बात करनी चाहिए थी। यह समय श्रेय लेने का नहीं है,लेकिन वह अपने सुझाव मुख्यमंत्री को देती रहती है और मुख्यमंत्री जी उन सुझाव पर सकारात्क उत्तर भी देते है। इसलिए वह बंशीधर भगत से कहना चाहती है कि आगे से वह जब भी मुख्यमंत्री से बात करेंगी उस समय वह बंशीधर या उनके प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री के साथ वह क्या बात कर रही है इसे सुनने के लिए आमंत्रित करती है। इंद्रा हृदियेश ने इस तरह अपनी पीड़ा भगत के बयान के बाद बयां की वहीं कहा कि उन्हे इस बयान से काफी कष्ट पहुंचा है,50 साल के विधायी जीवन में पहली बार उन्होने इस तरह की बात सुनी है।  इंद्रा हृदियेश  का मार्मिक संदेश आप भी नीचे दिए गए पत्र में पढ़ सकते है।

मुख्यमंत्री ही बता सकते है किसके सुझाव पर लिया फैसला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत और नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदियेश के बीच हल्द्धानी में क्वारंटीन का समय पूरा किए जाने के बाद को घर रवना किए गए लोगों को श्रेय लेने को लेकर जंग छिड़ गई है। दोनों की माने तो उनके कहने पर मुख्यमंत्री ने  क्वारंटीन का समय पूरा किए गए लोगों को घर जाने का फैसला लिया गया। लेकिन जो जंग दोनों के बीच छिड़ चुही है उसका सटीक जवाब केवल  मुख्यमंत्री के पास ही होगा कि आखिर किसी एक के सुझाव पर उन्होने ये फैसला लिया या फिर दोनों के सुझाव पर उन्होने अम्ल करते हुए ये फैसला लिया। लेकिन इतना साफ है कि मुख्यमंत्री के बहाने दोनों इसका श्रेय लेने से नहीं चूह रहें है। 

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