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बाल वाटिका कक्षाओं के लिए बनाई गई पुस्तक,शब्द रहित पुस्तकों का विमोचन,अनोखा प्रयास उतरा धरातल पर

देहरादून। जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान देहरादून के प्रांगण में शब्द रहित पुस्तकों का विमोचन किया गया जो कि बाल वाटिका कक्षाओं के लिए बनाई गई। इन शब्द रहित पुस्तको को डायट देहरादून, एससीईआरटी उत्तराखण्ड , रूम टू रीड और USAID के संयुत प्रयासों से बनाया गया है, इन पुस्तकों की कहानियां और चित्रांकन में देहरादून जिले के शिक्षक ~ लेखकों और चित्रकारों ने अपना योगदान दिया है, जिन्हे कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों एवम शिक्षा अधिकारियों द्वारा डायट में ही क्रियान्वित बालवाटिका कक्षा के बच्चों के साथ उक्त शब्द रहित पुस्तकों के साथ बातचीत की गई, जो कि कार्यक्रम का आकर्षण रहा।

 

 

 

 

डायट प्राचार्य जुगरान ने इन पुस्तिकाओं के निर्माण की पूरी यात्रा को साझा करते हुए कहा कि फाउंडेशन स्टेज में बच्चों के लिए साहित्य का बहुत अभाव है और ये पुस्तकें अपने आप में एक अनोखा प्रयास है जिससे इस स्टेज में बच्चों के पास गुणवत्ता पूर्ण साहित्य उपलब्ध होगा। डायरेक्टर आर्ट, बंदना गबरियाल ने अपने व्यक्त्व में कहा कि इस तरह की किताबों की मदद से शुरुआती कक्षाओं विशेषकर बालवाटिका कक्षाओं से ही पढ़ने की आदत एवम पढ़ने में रुचि को विकसित कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रवक्ता डायट राम सिंह चौहान और विजय रावत ने किया। कार्यक्रम में एससीईआरटी से बंदना गबरियाल, कंचन देवरारी, के एन बिजलवान, डायट देहरादून से राकेश जुगरान, राम सिंह चौहान, विजय रावत, प्रणय बहुगुणा,बाल विकास से तरूणा चमोला, सरोज त्रिपाठी, रूम टु रीड से सिम्मी,भावना, पुष्पलता और USAID से शिखा जैन कार्यक्रम में शामिल रहे।

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