कई नालों को टैप करने और 21 एम.एल.डी.सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण के लिए,केंद्र सरकार के द्वारा 135 करोड़ रुपए की दी गयी स्वीकृति,सीएम धामी ने जताया आभार
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य को नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगभग 135 करोड रूपए की लागत परियोजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 52 वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।
स्वीकृत परियोजना में उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले 09 नालों को टैप करने एवं 21 एम.एल.डी. सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण की स्वीकृति हेतु सहमति (लागत- लगभग 135 करोड़) प्रदान की गई है।
खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुये रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे चलकर गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। परियोजना के निर्माण से खोह एवं रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा ही साथ ही साथ गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रूकेगा।
जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता, रणवीर सिंह चौहान कार्यक्रम निदेशक एसपीएमजी, उत्तराखंड द्वारा प्रतिभाग किया गया ।